टाटा के सुपर एप में 1.80 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर सकती है वॉलमार्ट, फंड जुटाने के लिए कई निवेशकों से बातचीत कर रहा है समूह

रिटेल मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए टाटा ग्रुप रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी की राह पर चल पड़ा है। नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक का कारोबार करने वाला टाटा ग्रुप अपने प्रस्तावित ‘सुपर एप’ की हिस्सेदारी अमेरिकी होलसेल कंपनी वॉटमार्ट को बेचने के लिए बात कर रहा है। सूत्राें के मुताबिक, वॉलमार्ट टाटा के ‘सुपर एप’ में 25 अरब डॉलर यानी करीब 1.8 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सुपर एप में हिस्सेदारी के लिए वॉलमार्ट इंक से टाटा की बातचीत चल रही है और वॉलमार्ट 1.4 से 1.8 लाख करोड़ रुपए तक का निवेश कर सकती है।

यदि टाटा ग्रुप और वॉलमार्ट इंक के बीच साझेदारी होती है तो यह रिटेल सेक्टर में देश में अब तक सबसे बड़ा सौदा होगा।गौरतलब है कि वॉलमार्ट ने मई 2018 में ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की 66 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। यह सौदा करीब 1.18 लाख करोड़ रुपए में हुआ था। खबरों के मुताबिक, साझेदारी के बाद टाटा ग्रुप और वॉलमार्ट एक जॉइंट वेंचर के तहत संयुक्त रूप से सुपर एप को लॉन्च कर सकते हैं।

इससे टाटा ग्रुप और फ्लिपकार्ट के ई-कॉमर्स कारोबार के बीच तालमेल का लाभ मिलेगा। इस साझेदारी से ग्राहकों को टाटा और फ्लिपकार्ट के सभी उत्पाद एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेंगे। एक अन्य सूत्र के मुताबिक, वॉलमार्ट ने इस ट्रांजेक्शन के लिए गोल्डमैन सॉक्स को इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में नियुक्त किया है। सुपर एप की वैल्यूएशन 50 से 60 अरब डॉलर यानी 4.42 लाख करोड़ रुपए के आसपास हो सकती है। टाटा ग्रुप दूसरे निवेशकों से भी बातचीत कर रहा है।

दिसंबर तक लॉन्च हो सकता है टाटा ग्रुप का सुपर ऐप
टाटा ग्रुप का यह सुपर एप दिसंबर तक लॉन्च हो सकता है। देश में बढ़ते ई-कॉमर्स कारोबार को देखते हुए कंपनी ने यह फैसला लिया है। इस एप पर खाने-पीने के सामान के अलावा फैशन, लाइफस्टाइल और बिल पेमेंट की भी सुविधा मिलेगी। इसके अलावा टाटा ग्रुप के ई-कॉमर्स कारोबार टाटा क्लिक, स्टार क्विक और क्रोमा के उत्पाद भी इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे। टाटा के सुपर ऐप का ऐलान टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने एक विदेशी अखबार को दिए अपने साक्षात्कार में किया था।

इन वजहों से संभव मानी जा रही है इतनी बड़ी डील
वॉलमार्ट की प्रतिद्वंद्वी कंपनी अमेजन ईकॉमर्स में फ्लिपकार्ट को टक्कर दे रही है। यदि अमेजन रिलांयस से हाथ मिला लेती है तो उसे आॅफलाइन रिटेल में भी जगह मिल जाएगी। अमेजन-रिलायंस के साथ आने की संभावनाओं के चलते वॉलमॉर्ट के लिए एक भारतीय ब्रांड को साथ लेना रिटेल कारोबार के लिए लिहाज से बेहतर साबित हो सकता है। टाटा की आॅफलाइन रिटेल में मजबूत पकड़ है। कंपनी के पास ​तनिष्क, टाइटन, वेस्टसाइड और क्रोमा जैसे सफल रिटेल चेन हैं। इसका फायदा वॉलमार्ट को मिल सकता है।

दीर्घकालिक संभावनाओं के लिए साथ आ सकती हैं कंपनियां
^भारत में अपने कारोबारी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से किसी बड़ी रणनीति के तहत वॉटमार्ट यहां के एक नामी ब्रान्ड के साथ हाथ मिला रहा है। इस संभावित डील से ऐसे ही संकेट मिलते हैं। क्योंकि सामान्य व्यापार के लिए तो उसके पास पहले से फ्लिपकार्ट जैसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध है। उसके लिए वॉलमॉर्ट को टाटा में इतने बड़ा निवेश करने की जरूरत शायद नहीं होती।

यह भी हो सकता है कि दीर्घकालिक संभावनाओं को देखते हुए टाटा के प्लेटफॉर्म के साथ फ्लिपकार्ट को मर्ज कर दिया जाए। दूसरी ओर जैसा कि खबरों में आया, यदि अमेजन और रिलायंस एक साथ आ जाते हैं तो वॉलमॉर्ट के लिए भी जरूरी हो जाता है कि वह किसी बड़े ग्रुप को अपना सहयोगी बनाए।

हिमांशु नय्यर, लीड एनालिस्ट, यस सिक्युरिटीज



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