(प्रमोद कुमार) हाथरस केस में योगी सरकार ने एसआईटी को जांच पूरी करने के लिए 17 अक्टूबर तक का समय दे दिया है। केस में पीड़िता और आरोपी पक्ष के साथ पुलिस की अपनी थ्योरी है। लेकिन भास्कर को मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी की जांच में साबित हो सकता है कि केस में पुलिस पूरी तरह मुस्तैद थी और दुष्कर्म भी नहीं हुआ था।
भास्कर को एसआईटी के एक सूत्र ने बताया कि एसआईटी को 10 दिन की जांच पड़ताल, करीब 80 गवाहों के बयान, फॉरेंसिक जांच, आईटी एक्सपर्ट की मदद, कॉल डिटेल, पुलिस गवाही में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म की घटना को साबित करता हो। यहां तक कि चार में से तीन आरोपियों की मौजूदगी भी घटनास्थल से अलग है।
एसआईटी तय समय में बंद लिफाफे में अपनी जांच सरकार को सौपेंगी। अब सरकार को तय करना है कि इसे किस तरह से सामने लाएंगे। हालांकि रिपोर्ट में यह जरूर माना गया है कि पुलिस भीड़ रोकने से चूक गई। जिस दिन पीड़िता की मौत हुई, उस दिन गांव में सैंकड़ों की भीड़ इकट्ठा होने से पुलिस नहीं रोक सकी। इस चूक ने सरकार की किरकिरी करवाई, वहीं प्रशासन को दाह संस्कार का निर्णय लेना पड़ा।
हालांकि अभी तक एसआईटी या पुलिस विभाग ने अपनी तरफ से किसी तरह के बयान नहीं दिए हैं। एसआईटी टीम रोज सरकार को स्थिति से अवगत करा रही है। एसआईटी जांच के मामले में पीड़िता के परिजनों का कहना है कि हमें इंसाफ नहीं मिला है। हम इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं। हमारी बेटी के साथ हुआ, वो दूसरे के साथ न हों। आरोपियों के कहने पर सीबीआई जांच हो रही है, इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं। कौन से कानून में लिखा है कि फरियादियों का नार्को टेस्ट होता है? टेस्ट करवाना है तो पुलिस का करवाओ, हमारा क्यों?
कड़ी सुरक्षा में एसआईटी, मुलाकात भी नहीं
एसआईटी ने हाथरस पुलिस लाइन को जांच हेडक्वार्टर बनाया है। पुलिस लाइन में केवल पुिलस वालों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। एसआईटी सुरक्षा में लगे आरक्षक विवेक गौतम बताते हैं कि मामले की जांच तक पुलिस लाइन में केवल वही पुलिस वाले प्रवेश कर सकते हैं जो नौकरी कर रहे हैं। 3 सदस्यीय एसआईटी में गृह सचिव भगवान स्वरूप, डीआईजी चंद्रप्रकाश, सेनानायक पीएसी पूनम हैं। इनकी मदद के लिए तकरीबन 150 अधिकारी-कर्मचारी तैनात हैं। हाथरस एसपी विनीत जायसवाल भी पूरे समय एसआईटी टीम के साथ हैं। एसआईटी का उद्देश्य मामले की तह तक जाना है। योगी सरकार ने सीबीआई जांच का भी कहा है।
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