परिक्रमा करने वाले को संगठन में फिट करने को महिला आरक्षण के अनुसार नहीं दिया पद, दलितों की भी उपेक्षा

(शेखर घोष) प्रदेश भाजपा के नेताओं ने अपनी परिक्रमा करने वाले कार्यकर्ताओं को संगठन में फिट करने के लिए भाजपा द्वारा संगठन में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के विधान को ताक पर रख दिया है। भाजपा के संविधान के अनुसार महिलाओं को पदों में 33 प्रतिशत आरक्षण देना अनिवार्य है।

बताया जा रहा है संगठन महामंत्री के दबाव में अपने खास लोगों को पद देने के लिए प्रदेश द्वारा घोषित प्रदेश पदाधिकारियों की टीम में कुल 6 महिलाओं को जगह दी गई है, जबकि नियमों के अनुसार 9 महिलाओं को पद दिया जाना चाहिए।
संगठन की टीम में एक भी दलित नेता को जगह नहीं देकर दलितों को भी उपेक्षित किया गया है। दिल्ली में लगभग 29 प्रतिशत वोट दलितों का है। उपाध्यक्ष पद के लिए बरखा सिंह, मंत्री पद पर नीमा भगत, सुनीता कांगड़ा, संतोष गोयल, लता सोढ़ी, नीलम धीमान सहित कुल 6 महिलाओं को जगह दी गई है।

इसके अलावा योगिता सिंह को महिला मोर्चा, नीतू डबास और रिचा पांडे को प्रदेश का प्रवक्ता बनाया गया कि जबकि मोर्चा और प्रवक्ता के पद को संगठन में नियमों के अनुसार पदाधिकारी का पद नहीं माना जा सकता। इस बारे में प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता आदित्य झा ने बताया कि मोर्चा और प्रवक्ता भी प्रदेश में पदाधिकारी भले ही न हो पर कार्यकारिणी के टीम के हिस्सा हैं। टीम में महिला को विधान के तहत सम्मान दिया गया है।

प्रदेश पदाधिकारियों के टीम में महिलाओं की उपेक्षा पर भाजपा की रूबी यादव ने प्रदेश कार्यालय के आगे 200 महिलाओं के साथ अनशन किया था। जिसे बाद में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के बुलावे पर 200 महिलाओं ने पदाधिकारियों के नियुक्ति में काेविड के दौरान जनसेवा करने वाली महिलाओं को नजर अंदाज करने की गंभीर शिकायत की थी। प्रदेश के पदाधिकारियों के नियुक्ति का विरोध केवल महिला नहीं प्रदेश के प्रवक्ता हरीश खुराना और तजिंदर बग्गा ने भी कड़ी नाराजगी जताई थी।

बग्गा ने अपना ट्विटर प्रोफाइल ही डी एक्टिवेट कर दिया। वहीं हरीश खुराना भी विरोध स्वरूप अपने ट्विटर एकाउंट से स्पोकपर्सन की हटा कर कार्यकर्ता कर दिया था। बाद में पार्टी के बड़े नेताओं के बाद खुराना के ट्विटर एकाउंट पर स्पोकपर्सन व कार्यकर्ता भी लिखा है। इस बारे में प्रदेश प्रवक्ता आदित्य झा ने पदाधिकारियों के टीम में महिलाओं को आरक्षण के तहत पर्याप्त जगह देने की बात कही, उन्होंने कहा कि मोर्चा और प्रवक्ता भी टीम की हिस्सा है।



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Women were not given the position to make the parikramas fit in the organization, according to the reservation, the Dalits were also ignored


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