दमकल विभाग को मिली 205 कॉल, पिछले वर्ष आई थीं 245

दीवाली में पटाखे जलाने पर लगी रोक के बावजूद राजधानी में खूब धूम धड़ाका हुआ। जिसके चलते आगजनी की घटनाओं में भी कोई कमी नहीं आई। दमकल विभाग के आंकड़े खुद इस बात की तस्दीक करते हैं कि पिछले साल दीवाली में जहां आग की 245 कॉल्स आई थीं, वहीं इस साल यह संख्या थोड़ी सी घटकर 205 पर पहुंच गई। रातभर आग की कॉल्स दमकल कर्मियों को मिलती रहीं और वे इसे काबू करने में जुटे रहे।

निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि छोटी दीवाली की रात बारह बजे से दीवाली की रात तक दिल्ली में कुल आग की 205 घटनाएं हुई। इनमें दीवाली पर शनिवार शाम छह बजे से रात बारह बजे तक ही आग की कुल 129 कॉल्स मिलीं। ऑन रिकॉर्ड देखा जाए तो पटाखों के कारण आग लगने के बारे में केवल दो कॉल्स में ही बताया गया था।

सबसे बड़ी आग की घटना मुंडका एरिया में ही हुई जहां एक कूलर के गोदाम में रात करीब ग्यारह बजे आग लगी थी। इस घटना में आग की चपेट में आने से अयोध्या यूपी निवासी सुनील कुमार (28) की मौत हो गई। वहीं आदित्य (20) झुलस गया। दूसरी ओर केशवपुरम इलाके में शाम करीब सात बजे एक रेस्त्रां में आग लग गई थी। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

दमकल विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया साल 2018 में 271 आग की कॉल्स आई थीं। 2017 में 204, 2016 में 243 और 2015 में 290 कॉल्स आई थीं। गौरतलब है कोरोना और प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने इस साल 30 नवंबर को ही राजधानी में पटाखे फोड़ने, स्टॉक करने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

हर जिले में केस दर्ज सरकार और कोर्ट के आदेश का लोगों पर नहीं दिखा असर

राजधानी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के मकसद से एनजीटी (कोर्ट)और दिल्ली सरकार की ओर से दिवाली पर पटाखा न फोड़ने के आदेश का कोई असर नहीं दिखा। रोक के बावजूद पूरी दिल्ली में पटाखों का कानफोड़ू शोर पहले की तरह ही इस वर्ष भी पूरी दिल्ली में खूब सुनाई दिया। दिल्ली में लोगों ने कोर्ट और दिल्ली सरकार के द्वारा लगाए गए आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए जमकर पटाखे फोड़े।

इस दौरान दिल्ली सरकार के द्वारा नियुक्त किए गए एसडीएम से लेकर दिल्ली पुलिस कोई भी एंजेसियों के द्वारा नियमों को ताक पर रखकर पटाखा छोड़ने वालों के विरूद्ध इक्का-दुक्का जगहों पर कार्रवाई करने की बात सामने आई है।

बता दें कि राजधानी में तेजी से बढ़ते प्रदूषण पर सरकार के साथ-साथ कोर्ट ने भी इस बार सख्त रूख अपनाते हुए प्रदूषण की रोकथाम के लिए 7 नवम्बर से 30 नवम्बर तक पटाखे बेचने के साथ-साथ इसके फोड़ने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके साथ ही सरकार ने पटाखे फोड़ने पर एक साल से छह साल तक की कैद का प्रावधान भी किया।



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फाइल फोटो


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