घनी आबादी वाले इलाकों में रोज होंगे 5000 टेस्ट, सप्ताहभर चलेगा अभियान

जिले में तेजी से बढ़ते कोरोना के संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नई रणनीति तैयार की है। शहरी क्षेत्रों में अधिक घनी आबादी वाले इलाकों में अभियान चलाकर रोज 5000 तक टेस्ट किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग टीम बनाकर अभियान को जल्द शुरू करने जा रहा है। जिससे अधिक से अधिक लोगों काे समय रहते ट्रैस कर अन्य लोगों काे संक्रमण से बचाया जा सके।

इसके अलावा अब सिर्फ उन्हीं मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा जो गंभीर हैं। अर्थात जिनकी उम्र अधिक होने के साथ-साथ कोरोना के अलावा अन्य किसी बीमारी से ग्रसित हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी निजी अस्पतालों को 50 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखने के लिए कहा है। जिन मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं उन्हें जांच के बाद होम क्वारेंटीन किया जाएगा।

वहीं दूसरी ओर बुरी खबर यह है कि दो सरकारी स्कूलों के 6 अध्यापक और सात विद्यार्थी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। विभाग ने दोनों स्कूलों को दो दिन के लिए बंद कर उन्हें सेनिटाइज करा रहा है। साथ ही अध्यापकों के संपर्क में आने वाले अन्य विद्यार्थियों को भी टेस्ट कराने के लिए कहा गया है।

डीसी यशपाल यादव ने हेल्थ विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा कर सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए। फरीदाबाद में 15 दिन से रोज कोरोना संक्रमितों के 500 से अधिक मामले आ रहे हैं। मंगलवार को 756 केस आए थे। सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पूनिया के अनुसार तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए हेल्थ विभाग ने रोज 5000 टेस्ट करने की योजना बनाई है।

एक-दो दिन में अलग अलग क्षेत्रों में टेस्टिंग शुरू कर दिया जाएगा। विभाग का कहना है कि लार्ज स्केल पर टेस्टिंग उन इलाकों में की जाएगी जहां घनी आबादी है। 7 से 10 दिन तक इसे अभियान के रूप में चलाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अब कोविड अस्पतालों में सिर्फ उन्हीं मरीजों को भर्ती किया जाएगा जो गंभीर होंगे। अर्थात अधिक उम्रदराज और अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को ही भर्ती करने की अनुमति होगी। सीएमओ के अनुसार जिन मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं पाए जाएंगे उन्हें होम क्वारेंटीन किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि तिगांव, पाली और खेडीकलां स्वास्थ्य केंद्र को कोविड सेंटर बनाया गया है। इनमें बेडों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा सभी निजी अस्पतालों को अपने यहां 50 फीसदी बेड रिजर्व रखने के लिए कहा गया है।

छह शिक्षक और सात विद्यार्थी कोरोना संक्रमित

राजकीय विद्यालय सेक्टर-22 के सात विद्यार्थी एवं चार शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा राजकीय हाईस्कूल जुन्हेड़ा के दो शिक्षकों में भी कोरोना के लक्षण मिले हैं। दोनों स्कूल दो दिन के लिए बंद कर उन्हें सेनिटाइज किया जा रहा है। शिक्षकों के संपर्क में आने वाले सभी छात्रों को कोरोना जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।

बुधवार को जिला शिक्षा अधिकारी सतेंद्र कौर वर्मा ने सभी प्रधानाचार्याें की बैठक बुलाई और निर्देश जारी किए। विभाग के मुताबिक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर-22 में दिवाली से पहले शिविर में 30 शिक्षकों एवं 50 छात्रों की टेस्टिंग की गई थी।

इनमें से सात विद्यार्थियों एवं चार शिक्षकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि बुधवार को राजकीय हाईस्कूल जुन्हेड़ा में शिविर आयोजित किया गया। इसमें 15 शिक्षकों के सैंपल लिए गए। जिनमें दो शिक्षक संक्रमित पाए गए।

जिले में संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इसे रोकने की क्या योजना है?
जवाब: हमने टीम तैयार कर रोज 5000 टेस्ट करने का टारगेट तय किया है। जिससे अधिक से अधिक संक्रमितों की पहचान कर अन्य लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके।

क्या सभी संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की सुविधा है?
जवाब: हमारे पास पर्याप्त साधन और सुविधाएं हैं। लेकिन अब सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जाएगा। बगैर सिमटम्स वालों को होम क्वारेंटीन किया जाएगा

खतरे से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी जरूरी हैं?
जवाब: मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और हैंड सेनिटाइज ही बचाव का तरीका है। ये तीन उपाय करने से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है।



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कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर डीसी यशपाल यादव अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए।


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