मुआवजा संबंधी आदेश, उपभोक्ता आयोग का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

रियल एस्टेट की अधूरी पड़ी परियोजनाओं से परेशान उपभोक्ताओं के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाया है। जस्टिस यूयू ललित, विनीत सरन और एस रविंद्र भट की पीठ ने मेसर्स इंपीरिया स्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका के तहत राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के उस फैसले को चुनौती दी गई थी।

जिसके तहत फ्लैट खरीदारों को मुआवजा देने का आदेश जारी किया गया था। कोर्ट ने इसके अतिरिक्त कंपनी पर जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कंपनी को निर्देश दिया कि उन्होंने जिन खरीदारों के खिलाफ केस किया था, वह उन्हें 50-50 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर दे।

यह था पूरा मामला
मेसर्ज इंपीरिया स्ट्रक्चर लिमिटेड नामक रियल एस्टेट कंपनी के एक प्रोजेक्ट में अनिल पटनी सहित करीब 20 लोगों ने समय पर फ्लैट का कब्जा न देने पर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में एक शिकायत की थी। आयोग ने कंपनी को उसके खरीदारों को मुआवजा देने का आदेश जारी किया था। इस आदेश को कंपनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी।



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फाइल फोटो


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