हरियाली उजाड़ पुलिस ट्रेनिंग सेंटर बनाने को लेकर एनजीटी ने अफसरों पर कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की

भोंडसी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर निर्माण के दौरान वन विभाग से अनुमति नही लेने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्ती दिखाई है। एनजीटी ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को आदेश दिए कि वह संबंधित अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई कर तीन महीने में रिपोर्ट पेश करे।

वन क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति के लिए आवेदन करने का अर्थ यह नहीं है कि वन विभाग अपनी आंखों से हरित क्षेत्र को उजड़ते हुए देखे। जिले समेत प्रदेश में जहां भी हरियाली को उजाड़ने का कार्य चल रहा है, उसे रोकना हरियाणा सरकार की जिम्मेदारी है।

मानेसर के पूर्व सरपंच राम अवतार यादव ने बताया कि 400 एकड़ में बनी पुलिस लाइन का 49 एकड़ हिस्सा वन क्षेत्र का था। इस 49 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य करने के लिए पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन को वन विभाग से मंजूरी लेनी थी। अधिकारियों ने वन विभाग में आवेदन करने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया।

इसे रोकने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने भी कोई कदम नहीं उठाया। मामला एनजीटी में जाने के बाद हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव से जवाब तलब किया गया। इस मामले में प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने एक रिपोर्ट तैयार कर बताया कि पुलिस विभाग ने निर्माण कार्य के लिए आवेदन किया था, जो लंबित था।

इस फाइल के संदर्भ में अधिकारियों ने समय-समय पर विभिन्न स्तर पर मंत्रालय से पत्राचार भी किया जिसके बाद हाल ही में निर्माण कार्य करने की अनुमति मिल गई। ऐसे में अधिकारियों की कोई गलती नहीं है। इस पर एनजीटी ने मुख्य सचिव को सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि केवल आवेदन करने से ही निर्माण कार्य करने की अनुमति नहीं मिल जाती।

उन्होंने मामले में हरियाणा सरकार की लापरवाही मानी है। एनजीटी ने मुख्य सचिव को आदेश देकर तीन महीने में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।



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