कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस बार सार्वजनिक स्थानों पर छठ मनाने की अनुमति नहीं होगी। जिला प्रशासन ने यह निर्णय लेते हुए लोगों से आह्वान किया है कि वे घरों में ही छठ पर्व मनाएं। डीसी यशपाल यादव ने कहा कि कुछ दिन से कोरोना के केस जिले में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने इस बार सार्वजनिक स्थानों पर छठ पर्व के कार्यक्रम आयोजित न करने का निर्णय लिया है।
घरों में ही छठ मनाने की तैयारी: डीसी ने कहा कि छठ पर्व के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी संख्या में व्रत करने वाली महिलाएं, पुरुष व बच्चे इकट्ठा होते हैं। इससे कोरोना वायरस के फैलने की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं।
ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य व कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए प्रशासन ने इस बार सार्वजनिक स्थानों, तालाबों, नहरों व नदी के किनारों पर छठ पर्व पर कार्यक्रमों को अनुमति न देने का निर्णय लिया है। डीसी ने लोगों से आह्वान किया कि इस समय सभी को सतर्क रहना है। ऐसे में लोग अपने घरों में ही छठ पर्व मनाएं और ज्यादा संख्या में इकट्ठा न हों।
पलवल में भी जिला प्रशासन ने सार्वजनिक स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों को अनुमति न देने का निर्णय लिया है। इससे अब पूर्वांचल के लोग घरों में ही छठ पर्व मनाने की तैयारियां कर रहे हैं। नहाय-खाय के साथ व्रत शुरू: छठ पर्व के तहत बुधवार को पूर्वांचल के लोगों ने नहाय-खाय के साथ व्रत शुरू किया। 19 नवंबर को खरना व 20 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
जबकि 21 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन हो जाएगा। पूर्वांचल जनकल्याण समिति के प्रधान विजय पटेल के अनुसार इस पर्व पर शक्ति यानी छठ मैया व शक्तिमान यानी भगवान भास्कर की आराधना की जाती है। कोरोना संक्रमण के चलते बड़े आयोजन तो नहीं होंगे, लेकिन पर्व को परंपरा के साथ मनाने की पूरी तैयारी की जा रही है।
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