आयुर्वेद पद्धति को मुख्य चिकित्सा पद्धति के रूप में प्रचारित, प्रसारित किया जाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धन्वंतरि जयंती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा से आयुर्वेदिक पद्धति को बल मिला है। इस वर्ष हम पांचवा आयुर्वेदिक दिवस मना रहे है। इस कोरोनाकाल में लोगों ने आयुर्वेद के महत्व को समझा और कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए अयुर्वेदिक दवाइयों और जड़ी बूटियों को प्रयोग कर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया।

आज आवश्यकता इस बात की है कि इस पद्धति को मुख्य चिकित्सा पद्धति के रूप में प्रचारित, प्रसारित किया जाएगा। यह बात शुक्रवार काे भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आयुर्वेद दिवस समारोह के दौरान कही।

इस अवसर पर आदेश गुप्ता और महापौर ने आयुष विभाग के 200 कोरोना योद्धाओं को भी सम्मानित किया। इसके अलावा आयुर्वेदिक पद्धतियों और जड़ी बूटियों की उपयोगिता पर एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

डेढ़ लाख को आयुर्वेदिक दवा व काढ़ा किया वितरीत
महापौर अनामिका ने कहा है कि इस कोरोनाकाल में आयुष विभाग की समाज के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ गई है, जिसे विभाग ने बखूबी निभाया है। दक्षिणी निगम के आयुष विभाग ने कोरोना महामारी में लोगों को आयुर्वेद पद्धति और जड़ी बुटियों के बारे में जागरूक किया। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अभी तक लगभग 1.5 लाख नागरिकों को आयुर्वेदिक दवाइयां और काढ़ा भी वितरित किया।



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फाइल फोटो


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