दिल्ली को कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय के रूप में उपहार मिलने जा रहा है। यह भारत ही नहीं, विश्वस्तरीय उत्कृष्टता का केंद्र होगा। इसका काम महज प्रशिक्षण या डिग्री प्रदान करना नहीं होगा बल्कि हरेक स्टूडेंट को अच्छी नौकरी या बिजनेस के शानदार अवसर उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य होगा।
ये बात गुरुवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने टीम एजुकेशन के साथ स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी पर विशेष चर्चा के दौरान कही। सिसोदिया ने कहा कि आगामी वर्षों में यूनिवर्सिटी में हर वर्ष लगभग सवा लाख स्टूडेंट्स के नामांकन की क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि बारहवीं क्लास पास करने वाले हरेक स्टूडेंट को ग्रेजुएशन करने के अवसर मिलना चाहिए। अगर किसी बच्चे के अंक 60 फीसदी हों, तब भी वह उच्च शिक्षा से वंचित न हो। डिप्टी सीएम सिसोदिया ने यूनिवर्सिटी के तात्कालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर विस्तार से चर्चा करते हुए अब तक के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने उच्च शिक्षा निदेशालय को इस दिशा में तेजी से काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हम कौशल और उद्यमिता को दो अलग चीज नहीं, बल्कि एक पूर्ण अवधारणा के तौर पर विकसित करें, ताकि नए नए अवसर पैदा हों। सिसोदिया ने कहा कि विश्वविद्यालय में शॉर्ट टर्म, लोंग टर्म, डिप्लोमा, डिग्री और पीएचडी जैसे कोर्सेस शामिल होंगे। एक सक्षम रिसर्च टीम होगी जो मार्केट का लगातार सर्वेक्षण करके पता लगाएगी कि उद्योग जगत को किस प्रकार के प्रशिक्षित मैनपावर की तलाश है।
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