कांग्रेसी विधायक के बोलने पर शुरू हुआ बवाल, जूता उतारकर किया मारने का प्रयास, नेताओं के बोलने से नाराज थे लोग

निकिता तोमर के इंसाफ के लिए बल्लभगढ़ के दशहरा मैदान में रविवार को सर्वसमाज की बुलाई गई महापंचायत में दिल्ली-एनसीआर से आए कुछ शरारती तत्वों ने अचानक हाईवे पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। आगजनी कर वाहनों व दुकानों में तोडफ़ोड़ की। इस हंगामे की शुरूआत एनआईटी से कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा के बोलने से शुरू हुई।

इस दौरान हिंदू संगठन के एक व्यक्ति ने जूता उतारकर विधायक को मारने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने उसे किसी तरह रोक दिया। इसके बाद पंचायत का माहौल बिगड़ने लगा। कहा जा रहा है पंचायत में शामिल होने आए लोग निकिता के हत्यारे को जल्द से जल्द फांसी दिलाने की मांग कर रहे थे। राजनीतिक बयानबाजी से वह नाराज हो रहे थे।

विधायक नीरज शर्मा ने महापंचायत के दौरान हाल ही में उनके द्वारा कराई गई रामकथा का जिक्र करने लगे। इससे युवाओं की नाराजगी बढ़ गई और 200 से 250 लोग पंचायत से अचानक उठकर नेशनल हाईवे पर पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस हंगामे में करीब आधा दर्जन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। सर्वसमाज की महापंचायत सुबह 11 बजे शुरू हुई।

इसमें पूर्व विधायक शारदा राठौर, नगेंद्र भड़ाना, टेकचंद शर्मा, पलवल के भाजपा नेता हरेंद्र पाल राणा, जजपा नेता राजाराम, क्षत्रिय महासभा से राजेश रावत, भारतीय किसान यूनियन से राकेश टिकैत के अलावा जाट सभा, गुर्जर सभा, सैनी समाज, वाल्मीकि समाज, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, करणी सेना, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना समेत अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठनों के लोग शामिल हुए।

दोपहर करीब 12 बजे कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा भी पंचायत में पहुंच गए। जब उन्होंने बोलना शुरू किया तो श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रधान विकास चौहान उग्र हो गए और जूता निकालकर विधायक को मारने के लिए दौड़े। इसी के बाद हंगामा शुरू हो गया और शरारती तत्व सड़कों पर आ गए। शरारती तत्वों के कारण दिल्ली मथुरा नेशनल हाईवे करीब एक घंटे तक बंधक बना रहा।

हंगामा, आगजनी और पथराव के कारण वाहनों को पहले ही रोक दिया गया था। क्योंकि दशहरा ग्राउंड से अचानक सैकड़ों की भीड़ निकलकर सर्विस लेने होते हुए अनाज मंडी गेट के सामने पहुंच गई और बाईं ओर एक मुस्लिम समाज के ढाबे पर हल्ला बोल दिया।

पुलिसकर्मी जब उन्हें समझाने पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों से उनकी भिड़ंत हो गई। सर्विस लेन में ईंट से भरी ट्राली से ईंट निकालकर पुलिस पर फेंकना शुरू कर दिया। इस हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

  • अचानक सभा से उठकर हाइवे पक पहुंच गए शरारती तत्व, किया हंगामा, पहले सड़क पर की आगजनी फिर वाहनों को बनाया निशाना।
  • पुलिस का दावा महापंचायत के लिए नहीं ली गई थी कोई अनुमति, हंगामे बाद खत्म हो गई पंचायत, अब आठ नवंबर को होगी।

पंचायत को फांसी के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं: महापंचायत में शामिल होने आए सर्वसमाज के लोग निकिता के हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे हत्यारों को फांसी के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं होगा।

सरकार और प्रशासन ऐसे हैवानों को जल्द से जल्द फांसी दिलाकर नजीर पेश करे ताकि फिर कोई दूसरी निकिता का इस तरह बलिदान न हो। चूंकि पंचायत में कई राजनेता भी शामिल हुए। इसलिए वहां राजनीति भी शुरू हो गई। जबकि पंचायत के लोग नेताओं को नहीं बोलने देना चाहते थे।

अब 8 को होगी श्रद्धांजलि सभा: महापंचायत का नेतृत्व कर रहे भाजपा नेता हरेंद्र पाल राणा एवं क्षत्रिय सभा के राजेश रावत ने कहा कि बवाल के कारण पंचायत तत्काल स्थगित कर दी गई। अब 8 नवंबर को श्रद्धांजलि सभा होगी। उसी दौरान सर्वसमाज के फैसले का ऐलान किया जाएगा। दोनों प्रतिनिधियों ने इस हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि निकिता को न्याय दिलाने के नाम पर जिसने भी हिंसा की है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

महापंचायत की नहीं ली गई थी परमीशन: दशहरा मैदान में रविवार को बुलाई गई सर्वसमाज की इस महापंचायत के लिए पुलिस प्रशासन से आयोजकों ने कोई अनुमति नहीं ली थी। एसीपी जयवीर राठी ने खुद इस बात की पुष्टि की। उधर क्षत्रिय सभा के राजेश रावत का कहना है कि प्रशासन को राजनीतिक रूप से सूचित किया गया था। इसलिए वहां पुलिस बल तैनात किया गया था। उधर एसीपी जयवीर राठी ने कहा कि महापंचायत के वीडियो की जांच की जा रही है।


फरीदाबाद. महापंचायत के दौरान हाइवे पर हंगामा करते उपद्रवियों को रोकती पुलिस।


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फरीदाबाद। दुकान में तोड़फोड़ करते उपद्रवी।


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