कांचहि बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए, दर्शन दीन्हीं ना अपन ये छठी मइया

कांचहि बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए, दर्शन दीन्हीं ना अपन ये छठी मइया जैसे गीत गाकर महिलाओं ने सूर्य की उपासना की। छठ महापर्व को उत्साहपूर्वक मनाने के लिए बिहार व पूर्वांचल के लोगों ने शुक्रवार शाम घरों की छत पर टब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर विधि-विधान से पूजा अर्चना की। जबकि छठ पर्व के आखिरी दिन शनिवार सुबह उगते सूर्य की आराधना की जाएगी।

जिले में करीब छह लाख लोग पूर्वांचल के रहते हैं। हर साल धूमधाम से छठ महोत्सव मनाया जाता है। इस बार कोरोना श्रद्धालुओं की आस्था में बाधा बनकर खड़ा हो गया। शुक्रवार को व्रती महिलाओं ने गन्ने के मंडप सजाकर उसमें विभिन्न प्रकार के फलों और पकवानों को रख पूजा-अर्चना की।

छठ घाट रहे सूने | जिले में शुक्रवार को एसजीएम नगर, खेड़ीपुल, अशोका एंक्लेव, सेक्टर-3 , 7, 22, 23, राजीव कॉलोनी, सेक्टर-46 और 48 बनाए गए छठ घाट सूने रहे। आस्था का पर्व छठ के मौके पर एक परिवार जब एसजीएम नगर स्थित छठ घाट पर पूजा अर्चना के लिए पहुंचा तो यहां तैनात पुलिस कर्मचारियों ने उसे लौटा दिया।

आज दिया जाएगा उगते सूर्य को अर्घ्य |चार दिन तक चलने वाले छठ महोत्सव के आखिरी दिन शनिवार को श्रद्धालु महिलाओं द्वारा सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व का समापन किया जाएगा। शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने व्रत रख छठ मैया के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।



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छठ पर्व पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देतीं महिलाएं।


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