बंधवाड़ी डंपिंग साइट के बजाय ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-74 के सीही गांव में प्रस्तावित डंपिंग साइट अब नहीं बनेगी। विरोध को देखते हुए निगम ने यह निर्णय लिया है। अब निगम दूसरी जगह तलाश रहा है। जो आबादी से दूर हो।
क्योंकि सीही में बनने वाली डंपिंग साइट का आसपास के सेक्टरों और गांव वालों ने विरोध किया था। यही नहीं तीन नवंबर हो निगम सदन की बैठक में भी यह मामला जोर सोर से उठा था। इसके बाद निगम प्रशासन ने उक्त स्थान की जगह कहीं और डंपिंग साइट बनाने का भरोसा दिया था। निगम प्रशासन अरावली के आसपास आबादी से दूर डंपिंग साइट के लिए जगह की तलाश कर रहा है।
अभी तक वैकल्पिक डंपिंग साइट की व्यवस्था न होने से बंधवाड़ी डंपिंग साइट पर लगने वाला बिजली संयंत्र प्रोजेक्ट भी लेट हो रहा है। साथ ही बंधवाड़ी में कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। क्योंकि फरीदाबाद और गुड़गांव जिले से रोज यहां करीब 1700 टन कूड़ा बंधवाड़ी डंपिंग साइट पर पहुंचता है। जबकि प्लांट न लगने से कूड़े का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
नगर निगम ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत बंधवाड़ी में करीब 70 करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2008 में बंधवाड़ी गांव में कचरा निस्तारण संयंत्र बनाया था। वर्ष 2010 में इस प्लांट को चालू कर दिया गया था।
बड़ी-बड़ी मशीनों की सहायता से प्लांट में रोज फरीदाबाद और गुड़गांव का करीब 600 से लेकर 700 टन कूड़ा ट्रीट किया जाता था। लेकिन अक्टूबर 2013 में प्लांट में आग लगने के कारण यह बंद हो गया। क्योंकि मशीनें खराब हो गई थीं।
निगम अधिकारियों के मुताबिक बंधवाड़ी में लगने वाला प्लांट काफी बड़ा होगा। यहां रोज 25 मेगावाट बिजली पैदा होगी। यह 10 हजार से अधिक घरों में आपूर्ति की जा सकेगी। इस पर करीब 505 करोड़ की लागत आएगी।
यह फरीदाबाद और गुड़गांव का संयुक्त प्लांट होगा। इससे पहले दिल्ली में नरेला-बवाना में 24 मेगावाट क्षमता का संयंत्र है। बंधवाड़ी प्लांट की क्षमता 2500 मीट्रिक टन कूड़े को प्रोसेस करने की होगी।
बंधवाड़ी में कूड़े से निकलने वाले लीचेट (कूड़े से रिसने वाला पदार्थ) को ट्रीट करने के लिए लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट (एलटीपी) लगाया जा चुका है। निगम अधिकारियों का कहना है कि दोनों जिलों से एक दिन में प्लांट पर करीब 1700 टन कूड़ा पहुंचता है।
एनजीटी के आदेश पर सीही में डंपिंग साइट बननी थी
विरोध के बाद निगम ने फैसला बदला, दूसरी जगह की तलाश: सीही में डंपिंग साइट बनाने की खबर लगते ही एक किलोमीटर के दायरे में स्थित गांव मिर्जापुर, सीही, बड़ौली, नीमका, मुजेड़ी, डेयरी जोन, सेक्टर 3, 7, 8, 9, 75, 76, 77, 78, 80, 81 आदि के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। उनका तर्क था कि यहां डंपिंग साइट बनने से आसपास का वातावरण प्रदूषित होगा।
वार्ड 34 के पार्षद कुलबीर तेवतिया ने भी सदन में इसका विरोध किया था। निगम ने उक्त स्थान पर प्रस्तावित डंपिंग साइट को रोककर दूसरी जगह की तलाश शुरू कर दी है।
बंधवाड़ी प्लांट की मॉनिटरिंग एनजीटी द्वारा की जा रही है
चूंकि बंधवाड़ी से कूडे का ढेर खत्म नहीं हो रहा है। इसलिए ईकोग्रीन कंपनी ने एनजीटी के जरिए निगम से दूसरी जगह डंपिंग साइट बनाने का अनुरोध किया था। एनजीटी ने गुड़गांव और फरीदाबाद नगर निगम को वैकल्पिक डंपिंग साइट बनाने का आदेश दिया था। इसके बाद निगम ने सेक्टर-74 के सीही गांव में अस्थायी डंपिंग साइट बनाने का फैसला किया था।
विरोध के बाद निगम ने फैसला बदला, दूसरी जगह की तलाश: सीही में डंपिंग साइट बनाने की खबर लगते ही एक किलोमीटर के दायरे में स्थित गांव मिर्जापुर, सीही, बड़ौली, नीमका, मुजेड़ी, डेयरी जोन, सेक्टर 3, 7, 8, 9, 75, 76, 77, 78, 80, 81 आदि के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया था।
उनका तर्क था कि यहां डंपिंग साइट बनने से आसपास का वातावरण प्रदूषित होगा। वार्ड 34 के पार्षद कुलबीर तेवतिया ने भी सदन में इसका विरोध किया था। निगम ने उक्त स्थान पर प्रस्तावित डंपिंग साइट को रोककर दूसरी जगह की तलाश शुरू कर दी है।
वैकल्पिक डंपिंग साइट की व्यवस्था न होने से बिजली संयंत्र प्लांट का काम विलंब हो रहा है। इससे शहर को ही नुकसान हो रहा है। जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निगम अब दूसरी डंपिंग साइट की तलाश कर रहा है। वैसे अभी जो भी डंपिंग साइट बनेगी वह अस्थायी होगी। बिजली प्लांट लगने के बाद डंपिंग साइट खत्म कर दी जाएगी।
-डॉ. यश गर्ग, निगम कमिश्नर फरीदाबाद
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