गाजीपुर बाॅर्डर पर किसान ने फांसी लगाकर दी जान,  अब तक 29 की जान जा चुकी

केंद्र के तीन कृषि कानूनाें काे रद्द करने की मांग काे लेकर दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानाें को शनिवार को 38 दिन हो गए। इस बीच गाजीपुर सीमा से एक किसान की आत्महत्या की खबर आई। मरने वाले किसान का नाम कश्मीर सिंह बताया गया है। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, “आखिर हम कब तक यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। सरकार सुन नहीं रही है, इसलिए अपनी जान दे रहा हूं। ताकि कोई हल निकले।’ उन्हाेंने इच्छा जताई कि दिल्ली की गाजीपुर सीमा पर ही उनका अंतिम संस्कार किया जाए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 75 वर्षीय कश्मीर सिंह बेटे और पाेते के साथ शुरू से ही दिल्ली के किसान आंदोलन में शामिल थे। परेशान होकर उन्होंने शनिवार को धरनास्थल पर ही बने शाैचालय में जाकर फांसी लगा ली। इससे पूर्व शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की ही सीमा पर 55 साल के किसान गलतान सिंह की ठंड से माैत हाे गई थी।

इस आंदाेलन के दाैरान अब तक आत्महत्या और अन्य कारणाें से 40 किसानाें की माैत हाे चुकी है। किसानों की मौतों के बढ़ते आंकड़ों के मद्देनजर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू-टिकैत) के प्रदेश प्रमुख बिजेंद्र यादव ने कहा, ‘हमारी जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है कि हर हाल में आंदोलनरत किसानों की मांगें सरकार से मनवाई जाएं।’

वहीं संयुक्त किसान माेर्चा की ओर से बताया गया कि 4 जनवरी काे सरकार से बातचीत है। इसमें अगर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनाें काे वापस लेने की मांग सरकार ने नहीं मानी ताे आंदाेलन और तेज किया जाएगा।

हरियाणा में हजारों ट्रैक्टर लेकर रेवाड़ी पहुंचे किसान, कैथल में मंत्री-विधायक की कोठी घेरी
तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। शनिवार को किसान संगठनों ने टिकरी बॉर्डर से रोहतक-रेवाड़ी नेशनल हाईवे-71 की ओर कूच कर दिया। दिल्ली-जयपुर हाईवे के खेड़ा बॉर्डर (राजस्थान) पर 21 दिन से चल रहे धरने पर जा रहे इन प्रदर्शनकारियों ने अंधेरा होने के चलते टोल प्लाजा पर ही पड़ाव डाल लिया। किसानों ने टोल को फ्री कराया।

फिर वहीं बिस्तर डालकर लिए। किसान रविवार सुबह खेड़ा बॉर्डर के लिए रवाना होंगे। उधर, कैथल में राज्यमंत्री कमलेश ढांडा व विधायक लीलाराम की कोठियों का भी किसानों ने घेराव किया। किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिसबल तैनात करके बैरिकेड्स लगाए, लेकिन किसानों ने ट्रैक्टर से इन्हें भी तोड़ दिया।

लाठियों की ढाल बनाकर भी रोकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस को पीछे धकेलते हुए किसान राज्यमंत्री की कोठी के सामने जा बैठे। राज्यमंत्री व विधायक की कोठियों का एक-एक घंटा घेराव किया। वहीं, करनाल के तरावड़ी में राजकीय आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में साइंस लैब का उद्‌घाटन करने पहुंचे नीलाेखेड़ी विधायक धर्मपाल गोंदर को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा।

अमरिंदर काे मारने की धमकी वाले पाेस्टर लगे

पंजाब में सीएम अमरिंदर सिंह को जान से मारने की धमकी वाले पाेस्टर लगाए जाने की जानकारी सामने आई है। इसके बाद राज्य पुलिस हरकत में अा गई है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है। उसके मुताबिक, माेहाली के सेक्टर 66-67 क्रॉसिंग के पास गाइड मैप पर पाेस्टर चिपकाया गया था। इसमें सीएम की हत्या करने वाले को 10 लाख डॉलर (7.30 कराेड़ रुपए) का इनाम देने की पेशकश की गई थी।

किसानों ने बताई आगे की रणनीति

  • 4 जनवरी की वार्ता विफल रहती है तो 6 जनवरी को केएमपी एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। शाहजहांपुर पर मोर्चा लगाए किसान भी दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।
  • 6 जनवरी से 20 जनवरी तक ‘देश जागृति पखवाड़ा’ मनाया जाएगा। देश के हर जिले में धरने व पक्के मोर्चे आयोजित किए जाएंगे।
  • 13 जनवरी को लोहड़ी/संक्रांति पर देशभर में ‘किसान संकल्प दिवस’ मनाया जाएगा। कानूनों की प्रतियां जलाईं जाएंगी।
  • 18 जनवरी को महिला किसान दिवस मनाकर देश की खेती में महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया जाएगा।
  • 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में ‘आजाद हिंद किसान दिवस’ मनाकर सभी राजधानियों में राज्यपाल के निवास के बाहर किसान डेरा डालेंगे।
  • दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चों से किसान 26 जनवरी को दिल्ली में प्रवेश कर ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ ‘किसान गणतंत्र परेड’ करेंगे।


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बहादुरगढ़ से रेवाड़ी तक किसानों ने निकाली ट्रैक्टर यात्रा


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