क्राइम ब्रांच ने स्वास्थ्य मंत्रालय का संयुक्त सचिव बता कर लाइजनिंग का काम करने वाले एक जालसाज को अरेस्ट किया है। आरोपी मूल रूप से मध्य प्रदेश के रीवा जिले का है। इसने 12वीं करने के बाद लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया, फिर अपनी लैब खोली।
काम में इसे घाटा हुआ तो वह एम्स का फर्जी डॉक्टर बन गया। अपनी फर्जी पहचान के जरिए इस जालसाज ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से मिलकर कभी गन लाइसेंस तो कभी अन्य कामों की पैरवी कर काम निकाले और लोगों से रकम वसूली।
आरोपी से एम्स का फर्जी आईकार्ड व कई अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद मिले हैं। क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर पुलिस शिबेश सिंह ने बताया आरोपी का नाम देवेंद्र कुमार मिश्रा है, जो गाजियाबाद में रह रहा था।
यह खुद को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का ज्वाइंट सेक्रेट्री और एम्स का असिस्टेंट प्रोफेसर बताता था। साइबर सेल को सूचना मिली थी एक व्यक्ति खुद को स्वास्थ्य मंत्रालय का सीनियर ब्यूरोक्रेट और एम्स का असिस्टेंट प्रोफेसर बताकर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से मिलता है उसका लाइजनिंग का काम है।
इस सूचना पर पुलिस टीम ने देवेंद्र कुमार मिश्रा उर्फ गुड्डू के बारे में जानकारी जुटा उसे दबोच लिया। पुलिस को आरोपी देवेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया 12वीं करने के बाद उसने लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया।
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