आवासीय क्षेत्रों में अवैध रूप से कमर्शियल बिल्डिंग बनाने वालों पर नगर निगम ने कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डरों और भवनों की डिजाइन तैयार करने वाले आर्किटेक्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। क्योंकि नियम के अनुसार आवासीय क्षेत्रों में कमर्शियल भवनों का निर्माण हो ही नहीं सकता।
लेकिन फरीदाबाद के एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ जोन में राजनेताओं और अधिकारियों के संरक्षण में धड़ल्ले से बिल्डिंग बनाई जा रही हैं। एनआईटी जोन के ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत अटकान ने इसके लिए हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी को पत्र लिख कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
कहा जा रहा है रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी इन दिनों ऐसे मामले में रियायत बरतने को तैयार नहीं है। उधर निगम अधिकारियों का कहना है कि जो आर्किटेक्ट बिल्डिंग बनाने से पहले डिजाइन तैयार कर नक्शा पास कराता है वह भी कानून का उल्लंघन है। क्योंकि आवासीय क्षेत्र में कमर्शियल भवनों का निर्माण करना गैरकानूनी है।
नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही और राजनेताओं के संरक्षण में पूरे शहर में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। लेकिन कोई रोकने वाला नहीं है। लॉकडाउन के बाद तो जैसे अवैध निर्माण में बाढ़ आ गई। हैरानी की बात यह है कि आवासीय क्षेत्रों में कमर्शियल भवन बनाने जा रहे हैं।
जानकारों की मानें तो ये अवैध निर्माण निगम के तीनों जोन एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद व बल्लभगढ़ में हो रहे हैं। अधिकांश लोगों ने सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) कराए बगैर आवासीय क्षेत्रों में कमर्शियल भवन बनाकर उन्हें बेचने में लगे हैं। सबसे पुराना इलाका एनआईटी में तो इसकी भरमार है। इससे नगर निगम को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
पांच कमर्शियल भवनों के नक्शे कर दिए कैंसिल
निगम सूत्रों की मानें तो अकेले एनआईटी जोन में 90-100 से अधिक कमर्शियल बिल्डिंग धड़`ल्ले से बन रही हैं। पिछले दिनों निगम कमिश्नर यश गर्ग ने ऐसी बिल्डिंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
निगम कमिश्नर के आदेश पर एनआईटी के ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत अटकान ने अपने इलाके में बन रहे अवैध निर्माणों की जांच कराई। इसमें कई बिल्डिंग के नक्शे गलत पाए गए। उन्होंने बताया कि एक नंबर बी ब्लॉक, एफ ब्लॉक, एनआईटी पांच नंबर स्थित जी ब्लॉक, एन ब्लॉक एवं डी ब्लॉक में बने 5 कमर्शियल भवनों के नक्शे कैंसिल कर दिए हैं।
नगर निगम ने सील किया लेकिन टूट गई: नगर निगम सूत्रों की मानें तो अवैध निर्माण करने वाले लोगों ने अभी तक 20 से अधिक सील तोड़कर फिर से निर्माण कराना शुरू कर दिया है। जबकि पिछले दिनों नगर निगम ने इन्हें अवैध निर्माण के चलते सील कर दिया था। इनमें एनआईटी एक नंबर, दो नंबर, तीन नंबर, पांच नंबर में बने अवैध निर्माण हैं। ऐसे लोगों की सूची तैयार कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
आर्किटेक्ट का लाइसेंस कराया जाएगा कैंसिल
ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि अवैध रूप से बिल्डिंग बनाने का जितना दोसी बिल्डर होता है उससे कहीं अधिक उसकी डिजाइन तैयार करने वाला आर्किटेक्ट। क्योंकि दोनों को इसकी जानकारी होती है कि आवासीय क्षेत्रों में कमर्शियल भवन नहीं बनाए जा सकते हैं। फिर भी सांठगांठ कर बिल्डिंग बना दी जाती है।
बिल्डर उसमें दुकानें तैयार कर महंगे दामों पर बेचता है। इससे नगर निगम को राजस्व का नुकसान होता है। उन्होंने बताया अब इन आर्किटेक्ट व बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। रेगुलेटरी अथॉरिटी से आर्किटेक्ट के लाइसेंस कैंसिल करने की भी सिफारिश की जाएगी।
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