नेशनल हाइवे-19 पर टोल प्लाजा को कर्मचारियों ने जैसे ही शनिवार को शुरू किया, इसकी जानकारी धरने पर बैठे किसानों को लग गई। वे तुरंत टोल पर पहुंच गए फिर से इसे फ्री कराया। किसानों ने कहा जब तक तीनों नए कृषि कानून वापस नहीं हो जाते तब तक सभी टोल फ्री रहेंगे। शनिवार को जैसे ही हाइवे पर टोल प्लाजा शुरू करने की सूचना मिली तो भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर टोल प्लाजा पर पहुंच गए और उसे फ्री कराया।
टोल इंचार्ज महेश चौहान का कहना है कि किसानों के रोष को देखते हुए टोल को फ्री कर दिया गया। हाइवे पर चल रहे धरने के 38वें दिन कड़ाके की सर्दी में भूख हड़ताल के 20वें दिन औरंगाबाद के 11 किसान बैठे। उधर शनिवार सुबह छत्तीसगढ़ से 500 किसानों का जत्था धरना स्थल पर पहुंचा। किसानों ने कहा कि चाहे सरकार कुछ भी कहे किसान यहां से तीनों काले कानूनों को रद्द कराकर ही लौटेंगे।
छत्तीसगढ़ मजदूर महासंघ के मंडल अध्यक्ष तेजराम के नेतृत्व में 500 किसानों का जत्था पलवल पहुंचा।
तेजराम ने कहा वे सभी दिल्ली सिंधु बार्डर पर चल रहे किसानों के धरने में शामिल होने जा रहे हैं। लेकिन पुलिस ने उन्हें पलवल में रोक दिया। अखिल भारतीय किसान सभा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष रामनारायण ने कहा कि किसानों का यह संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा। सरकार को किसानों के सामने झुकना पड़ेगा और कृषि कानूनों को निरस्त कर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनाना पड़ेगा।
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