उद्योगों को संकट से उबरने के लिए उद्यमियों ने प्री-बजट पर किया मंथन

फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (एफआईआई) ने विभिन्न उद्योगों और संस्थानों के साथ प्री-बजट परिचर्चा आयोजित किया। ऑटोमोबाइल, हेल्थकेयर, जैव प्रौद्योगिकी, भारी उद्योग, प्लास्टिक, रक्षा, कृषि नीति, आईटी व आईटीईएस, बैंकिंग व वित्त और कौशल क्षेत्रों सहित विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल हुए। एफआईआई हरियाणा चेप्टर के प्रेसिडेंट हरभजन सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। सभी पहलुओं पर चर्चाओं के बाद औद्योगिक विकास के बाद सब की सहमति से बजट सुझाव प्रस्ताव तैयार किया गया।

एफआईआई के महानिदेशक दीपक जैन ने कहा कि मौजूदा बजट में देश की आर्थिक वृद्धि के लिए एक मजबूत नींव बनाने और भारतीय उद्योगों की रक्षा के लिए अनुकूल वातावरण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

जीएसटी स्लैब 18 प्रतिसत तक घट जाने की स्थिति में ऑटो इंडस्ट्री को इसका लाभ उपभोक्ता को देना चाहिए। भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 138 करोड़ रुपए से बढ़ना चाहिए। हमें आरएंडडी को बढ़ाना होगा ताकि हम न केवल भारतीय बाजार को सामान दें बल्कि दुनिया में बड़ी अर्थिक शक्ति बन जाएं। ऊर्जा अगले 5-10 वर्षों में 350 गीगावाट से 750 गीगावाट तक जाएगी और कच्चे तेल के आयात को कम करने और विदेशी मुद्रा को बचाने के लिए इसका उपयोग किया जाना चाहिए। चर्चा का समापन करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. वीरेंद्र सिंह ने कुशल श्रमिकों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।



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