ठीक होने वाले मरीज से ज्यादा नए मरीज आने लगें तो सामुदायिक संक्रमण, संक्रमण की दर 10% यानी हर 100 में से 10 लाेग संक्रमित निकल रहे

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार काे यह कहकर चाैंका दिया कि जिस तरह कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि राजधानी िदल्ली में सामुदायिक संक्रमण हाे रहा है। उन्हाेंने यह भी दावा किया कि देश के कई हिस्सों में भी सामुदायिक संक्रमण हो रहा है। केंद्र सरकार काे कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड स्वीकार करना चाहिए। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ही सही बता सकता है।

इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सामुदायिक संक्रमण की कोई परिभाषा नहीं है। कोई भी देश अपने यहां के हालात को देखते हुए इस पर निर्णय लेता है। हां, यह जरूर है कि देश में कुछ जगहाें पर स्थानीय स्तर पर सामुदायिक संक्रमण से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन भारत में फिलहाल सामुदायिक संक्रमण नहीं है।

नेशनल टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. डीसीएस रेड्‌डी से सीधी बात: दिल्ली के एक तिहाई लोगों में एंटीबॉडी

सामुदायिक संक्रमण कब हाेता है?
कोई संक्रमित हो और उसे पता न हो कि उसमें वायरस कहां से आया। किसी जगह या शहर में हर दिन नए मरीजों की संख्या ठीक होने वाले मरीजों की संख्या से ज्यादा हो तो यह भी सामुदायिक संक्रमण है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने परिभाषा तय नहीं की है।

दिल्ली में कैसे मानें कि सामुदायिक संक्रमण है?
दिल्ली में सेकंड वेव जैसी स्थिति है। सिराे सर्वे की रिपोर्ट भी बताती है कि दिल्ली में एक तिहाई लोगों में एंटीबॉडी है। ऐसे में कहा जा सकता है कि समुदाय में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है।

देश के और काैन से राज्य या शहर सामुदायिक संक्रमण की चपेट में हाेने की आशंका है?
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, इंदौर और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में आशंका है कि सामुदायिक संक्रमण है।

व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है?
स्पष्ट फाॅर्मूला नहीं है। संक्रमित को आइसोलेट कर दें तो वह संक्रमण का प्रसार रोक सकता है।

अब क्या अलग सावधानी बरतनी हाेगी?
मास्क और दो गज की सामुदायिक दूरी।

सामुदायिक संक्रमण से कैसे बचा जा सकता है?
लोग जागरूक हों कि उनके इलाके में कोरोना मरीजों की क्या स्थिति है। यानी कंटेनमेंट जोन और काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग का सख्ती से पालन हो।

क्या फिर से लाॅकडाउन लगाना हाेगा?
बिल्कुल नहीं। लॉकडाउन असरदार विकल्प नहीं है। जब संक्रमण में बड़ी संख्या में बिना लक्षण वाले मरीज हों और उन्हें घर में रखा जाए तो भी संक्रमण फैलता रहेगा। यह और खतरनाक है।

लाॅकडाउन के अलावा क्या विकल्प है?
मास्क ही सबसे अच्छा वैक्सीन है।

अमेरिका ने गाइडलाइन बदली: बिना लक्षण वाले लोगों का भी अब काेराेना टेस्ट

अमेरिका ने काेराेना संक्रमित मरीजाें की पहचान के लिए किए जा रहे टेस्ट की गाइडलाइन में बदलाव किया है। अब वहां बिना लक्षण वाले लाेगाें का भी काेराेना टेस्ट किया जाएगा। इससे पहले, द सेंटर्स फाॅर डिसीज कंट्राेल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने दिशा-निर्देश जारी किए थे कि बिना लक्षण वाले लोगों का टेस्ट जरूरी नहीं है। अमेरिका में अब संक्रमित व्यक्ति से 6 फीट के दायरे में कम से कम 15 मिनट के लिए संपर्क में आए सभी लोगों का टेस्ट जरूरी हाेगा।

  • अमेरिका में अभी राेज औसतन 50 हजार मामले सामने आ रहे हैं।
  • संक्रमण की दर 5% है। अप्रैल में उच्चतम स्तर 21% पर थी। भारत में यह 8.5% है।


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If more new patients start coming in than the cured patient, then community infection, the rate of infection is 10% ie 10 out of every 100 people are infected.


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