पांच माह 29 दिन बाद खुले स्कूल, सरकारी में 4 से 5 और निजी में 10 से 15 फीसदी बच्चों की रही उपस्थिति

तमाम जद्दोजहद के बाद सरकार के आदेश पर 5 माह 29 दिन बाद सोमवार से सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल खोल दिए गए। 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास के बच्चों को बुलाया गया था। स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बहुत कम रही। स्कूल में प्रवेश करने से पहले सभी स्कूलों में विद्यार्थियों की थर्मल स्कैनिंग कर हाथ सेनिटाइज कराए गए। इसके अलावा क्लासरूम में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा।

बड़ी संख्या में अभिभावक बच्चों को स्कूल तक छोडऩे पहुंचे थे लेकिन किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। लंबे अंतराल के बाद स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों के चेहरों पर उत्साह के साथ साथ डर का भी माहौल था। अभी स्कूलों में केवल उन्हीं बच्चों को बुलाया जा रहा है जिन्हें किसी विषय के सवाल समझने में परेशानी आ रही है। शिक्षा विभाग व प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मानें तो पहले दिन सरकारी स्कूलों में करीब चार से पांच फीसदी और निजी स्कूलों में 10 से 15 फीसदी बच्चे ही उपस्थित हुए।

इन्हें बुलाने से पहले उनके अभिभावकों से मंजूरी ली गई है। बगैर अभिभावकों की अनुमति से किसी भी छात्र को नहीं बुलाया जा रहा। शिक्षा विभाग का यह भी कहना है कि सभी की ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में अभी नियमित कक्षाएं नहीं चलेंगी।बच्चों को स्कूल में बुलाने से पहले कोरोना सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में सभी बच्चों की गेट के बाहर ही थर्मल स्कैनिंग और हाथ सेनिटाइज कराए जा रहे थे।

स्कूलों में मास्क लाना अनिवार्य है। इसके अलावा क्लास रूम में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है। क्लासरूम में एक सीट पर सिर्फ एक ही बच्चे के बैठने की व्यवस्था है। शिक्षा विभाग के मुताबिक अभी स्कूलों में नियमित कक्षाएं नहीं चलेंगी। 9, 10, 11 और 12वीं क्लास के बच्चों की सूची तैयार कर उन्हें मैसेज भेजकर स्कूल बुलाया जा रहा है।

वह भी उनके अभिभावकों की मंजूरी मिलने के बाद। जिला शिक्षा अधिकारी सतेंद्र कौर वर्मा के अनुसार जिन बच्चों को किसी विषय में कोई सवाल समझ नहीं आ रहा वही बच्चे स्कूल आकर संबंधित विषय के शिक्षक से सवाल हल करा सकते हैं।

जिले में कुल 65 हाईस्कूल व सी. सेकेंडरी में 429 बच्चों की उपस्थिति रही

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि पहले दिन सरकारी स्कूलों में महज चार से पांच फीसदी बच्चे आए। उन्होंने कहा जिले में कुल 65 हाईस्कूल और सीनियर सेकेंडरी में कुल 429 बच्चों की उपस्थिति रही। उन्होंने बताया कि अनुमान के तहत इनकी उपस्थिति करीब 4 से 5 फीसदी रही। उधर फरीदाबाद प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष नरेंद्र परमार और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रधान रमेश डागर ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों में ओवरऑल 10 से 15 फीसदी बच्चों की उपस्थिति कही।

पलवल में 55 फीसदी बच्चे पहुंचे

पलवल के निजी स्कूलों में पहले दिन 50 से 60 प्रतिशत बच्चे स्कूल पहुंचे। जीवन ज्योति स्कूल के एमडी वीरेंद्र गहलौत ने बताया कि पहले दिन 50 फीसदी से अधिक बच्चे स्कूल पहुंचे। स्कूल में कोरोना से बचाव के पूरे इंतजाम किए गए हैं। एसपीएस स्कूल के चेयरमैन सुरेश भारद्वाज के अनुसार पहले दिन स्कूल में बच्चों की संख्या कुछ कम जरूर रही, लेकिन एक-दो दिन में नौवीं से बारहवीं तक के सभी बच्चे स्कूल पहुंचेंगे। धर्म पब्लिक स्कूल के चेयरमैन एवं निजी स्कूल एसोसिएशन के जिला प्रधान पवन अग्रवाल का कहना था कि इस वर्ष स्कूल बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ा है। अभी भी समय है बच्चे पढ़ाई को कवर कर सकते है।

एसओपी का पालन करना अनिवार्य

सरकार के आदेश पर स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को एसओपी का पालन करना अनिवार्य है। बगैर थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज के किसी भी बच्चे को स्कूल के अंदर आने की अनुमति नहीं है। इसका सख्ती से पालन किया जाएगा। अभी नियमित कक्षाएं नहीं चलेंगी। इसलिए स्कूल उन्हीं बच्चों को बुलाएं जिन्हें विषय को समझने में दिक्कत हो रही है।

-सतेंद्र कौर वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद



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क्लास में घुसने से पहले स्टूडेंट्स की थर्मल स्कैनिंग की गई।


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