कृषि बिल हित में, किसान अब ज्यादा कीमत पर फसल बेच सकेंगे, किसानों की मजबूती ही आत्मनिर्भर भारत का आधार है : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 69वें संस्करण के जरिए देश को संबोधित किया। उन्होंने एक बार फिर कोरोना का जिक्र करते हुए लोगों से दो गज की दूरी के नियम का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि इस संकट ने परिवारों को जोड़ने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने नए कृषि विधेयकों को किसान हितैषी बताते हुए भरोसा दिया कि इनसे किसानों का नुकसान नहीं, फायदा होगा।

उन्हें जहां ज्यादा कीमत मिलेगी, वहीं अपनी फसल-फल बेंच सकेंगे। देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी। उन्होंने महात्मा गांधी, लालबहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण और राजमाता सिंधिया के योगदान को याद किया। इन सभी हस्तियों का अगले महीने जन्मदिन है।

जहां आत्मा, वहां कहानी; बच्चों को हफ्ते में 1 दिन कहानी सुनाएं

प्रधानमंत्री ने बच्चों को कहानी सुनाने की परंपरा खत्म होने पर चिंता जताई। कहा- हमारे यहां तरह-तरह की लोककथाएं सुनाने की परंपरा रही है। कर्नाटक और केरल में कहानियां सुनाने की बहुत रोचक पद्धति है, इसे विल्लूपाट कहा जाता है। कई लोग इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बेंगलुरू में रह रहे अमर व्यास और अन्य लोगों द्वारा चलाई जा रही वेबसाइट गाथास्टोरीडॉटइन का जिक्र किया। मोदी ने कहा- जहां आत्मा होती है, वहां कहानी होती है। मोदी ने अपील की कि परिवार में हर हफ्ते कहानियों के लिए समय निकालिए। इसके लिए करुणा, वीरता, प्रेम जैसे विषय भी निर्धारित कीजिए। मैं हर स्टोरी टेलर से कहना चाहता हूं कि हम आजादी का 75वां साल मनाने जा रहे हैं। आजादी से लेकर अब तक की घटनाओं को कहानियों में गढ़ सकते हैं क्या?’

भगत सिंह से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक का जिक्र किया

  • साल 1919 में जलियांवाला हत्याकांड के बाद एक बच्चा वहां गया। बच्चा स्तब्ध था कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है? उसने अंग्रेजी साम्राज्य को उखाड़ फेंकने की कसम खाई। वह बच्चा महान शहीद भगत सिंह थे। 28 सितंबर को उनकी जयंती है। हम भले ही भगत सिंह न बन पाएं, लेकिन उनके पदचिह्नों पर चलने की कोशिश कर सकते हैं।
  • चार साल पहले सितंबर में भारत ने पीओके में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। हमारे जवानों ने प्राणों की परवाह किए बिना अदम्य साहस का परिचय दिया था।
  • 2 अक्टूबर को गांधी और शास्त्री की जयंती है। बापू का जीवन बताता है कि हमारा कार्य ऐसा हो कि गरीब से गरीब व्यक्ति का भला हो। शास्त्री जी का जीवन विनम्रता और सादगी का संदेश देता है।


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फाइल फोटो


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