युवक ने घर में घुस 8 साल की बच्ची के साथ किया दुष्कर्म, 1 घंटे तक नहीं मिली एंबुलेंस, आरोपी अरेस्ट

हाथरस गैंग रेप को लेकर अभी पूरे देश में कोहराम मचा ही हुआ है कि इसी दौरान बुधवार रात सारन थाना क्षेत्र में घर में घुस आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म होने से हड़कंप मच गया। दुष्कर्म पड़ोसी युवक ने किया। घटना के वक्त बच्ची अपनी छोटी बहन व भाई के साथ कमरे में सो रही थी। जबकि मां-बाप छत पर अन्य बच्चों के साथ सो रहे थे।

परिजन लहूलुहान हालत में बच्ची को लेकर बीके अस्पताल पहुंचे और पुलिस को घटना की सूचना दी। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। हैरानी की बात यह है कि बच्ची को दिल्ली ले जाने के लिए करीब एक घंटे तक एंबुलेंस ही नहीं मिली।

परिजनों के अनुसार पुलिसकर्मी भी उन्हें छोड़कर चले गए थे। उधर क्राइम अगेंस्ट वूमेन एसीपी धारणा यादव का दावा है कि सूचना मिलने के बाद 10 मिनट के अंदर वे और एसएचओ मौके पर पहुंच गए थे और 30 मिनट के अंदर आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए आरोपी की पहचान बिहार के बक्सर जिला निवासी सोनू (28) के रूप में हुई है। वह शादीशुदा है। उसके बच्चे गांव में रहते हैं।

ऐसे वारदात को दिया अंजाम
जानकारी के अनुसार राजमिस्त्री का काम करने वाला व्यक्ति मूलरूप से राजस्थान का रहने वाला है। वह परिवार के साथ सारन थाना क्षेत्र की कॉलोनी में किराए पर रहता है। उसके पांच बच्चे हैं। तीन बेटी और दो बेटे। बुधवार रात परिवार के लोग खाना खाकर सो गए।

आठ साल की बच्ची अपनी छोटी बहन और छोटे भाई के साथ कमरे में सो रही थी। जबकि मां-बाप अन्य बच्चों को लेकर छत पर सोने चले गए। पड़ोस में ही किराए पर रहने वाला आरोपी सोनू रात करीब 12.30 बजे बच्ची के कमरे में घुसकर उसके साथ बलात्कार किया और अपने कमरे में आ गया।

छोटी बेटी ने मां को दी घटना की जानकारी
दुष्कर्म की शिकार बेटी जब रोने लगी तो उसकी छोटी बहन जाग गई। उसने छत पर जाकर मां को बताया कि दीदी रो रही है। बेटी के रोने की बात सुन मां-बाप कमरे में आए तो बच्ची की हालत देखकर दंग रह गए। बेटी खून से लथपथ थी। मां ने जब बेटी से पूछा तो उसने आरोपी सोनू की हरकतों की जानकारी दी। परिजनों ने शोर मचाया और अपने रिश्तेदारों को फोन कर आरोपी को पकड़ लिया।

पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद सारन थाना प्रभारी और एसीपी बड़खल सुखबीर सिंह मौके पर पहुंच गए और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।परिजनों ने बताया कि बीके अस्पताल से दिल्ली रेफर किए जाने के बाद वह एक घंटे तक एंबुलेंस के लिए भटकते रहे। लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली। उनका यहां भी आरोप है कि पुलिसकर्मी भी वहां से चले गए थे।

आमने सामने
^बीके अस्पताल में रात के समय 4 एंबुलेंस हमेशा उपलब्ध रहती हैं। यदि नहीं होती हैं तो आसपास के स्वास्थ्य केंद्र से 20 मिनट के अंदर मंगा ली जाती हैं। रेप केस में पुलिस की भूमिका होती है। रेफर होने पर पुलिस ही एंबुलेंस की डिमांड करती है। वही पीड़ित को लेकर जाती है। इस केस में कहां चूक हुई है यह जानकारी नहीं है। रिकार्ड के अनुसार हमारे पास गुरुवार सुबह 7.25 बजे कॉल आई और 7.28 बजे एंबुलेंस उपलब्ध करा दी गई।
-डॉ. रमेशचंद्र, डिप्टी सीएमओ बीके अस्पताल

^पीड़ित परिवार को एंबुलेंस उपलब्ध कराना न कराना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। यह जरूरी नहीं है कि पुलिस रेफर होने पर साथ जाए। हां इतना जरूर है कि पुलिस बीके अस्पताल और घटनास्थल पर मौजूद रही। पुलिस की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई। महज 30 मिनट के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। हमारी ओर से पीड़ित परिवार को सहायता राशि दिलाने के लिए कोर्ट और सरकार को पत्र भी लिखा गया है।
-धारणा यादव, एसीपी क्राइम अगेंस्ट वूमेन



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आरोपी साेनू (फाइल फोटो)


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