फर्जी वेबसाइट बना नौकरियाें के नाम पर 27 हजार युवाओं से 1.09 करोड़ ठगे, हरियाणा के 5 अरेस्ट

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले बड़े गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन स्वास्थ्य एवं जन कल्याण संस्थान के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर 13 हजार नौकरियां निकलने का झांसा दिया। यह गैंग एक माह में ही रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर 27 हजार युवाओं से 1.09 करोड़ रुपए ऐंठ चुका है।

पुलिस ने गिरोह में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान हरियाणा के हिसार निवासी संदीप (32), मास्टरमाइंड रामधारी (50), जोगिन्द्र सिंह (35), जींद निवासी अमनदीप खटखरी (27), भिवानी निवासी सुरेंद्र सिंह (50) के तौर पर हुई। इनमें रामधारी दिल्ली में एकलव्य के नाम से ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाता है। संदीप वेब डिजाइनर और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल है। सुरेन्द्र सिंह अकाउंट होल्डर है। जोगिन्द्र सिंह ने वेबसाइट डिजाइन की थी।

इनके पास से 7 मोबाइल, 3 लैपटॉप, बैंक खाते में मौजूद 49 लाख रुपए जब्त किए हैं। मास्टरमाइंड रामधारी सरकारी नौकरियों के लिए होने वाले ऑनलाइन एग्जाम के लिए सेंटर चलाता है। उसने सरकारी परीक्षा देने वाले युवाओं के डेटा का दुरुपयोग करते हुए 15 लाख से ज्यादा मैसेज एक साथ भेजे थे। बाकायदा उन्हें मैसेज के साथ वेबसाइट का लिंक भी शेयर किया गया।

परीक्षा देने वाले 15 लाख युवाओं को मैसेज भेजे थे

अमनदीप ने पूछताछ में बताया कि गिरोह सरगना रामधारी व विष्णु शर्मा हैं। गिरोह ने अगस्त में हिसार में लोगों को ठगने की प्लानिंग बनाई। जोगिन्द्र व संदीप ने ऐसी फर्जी वेबसाइट तैयारी की थी कि असली व नकली में कोई फर्क न कर पाए। सुरेन्द्र के जरिए स्वास्थ संस्थान के नाम से अकाउंट खोला गया। रामधारी व विष्णु ऑनलाइन एग्जाम सेंटर चलाते हैं, जहां सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं आयोजित होती हैं। यहां परीक्षा देने के लिए आने वाले परीक्षार्थियों के डेटा का दुरुपयोग कर 15 लाख से ज्यादा युवाओं के पास नौकरियों के लिए मैसेज भेजे गए थे।

500 रुपए की ठगी की शिकायत पर जांच हुई

साइबर सेल डीसीपी अनीश रॉय ने बताया कि एक पीड़ित ने 500 रुपए की ठगी होने की शिकायत दी थी। टेक्निकल सर्विलांस के माध्यम से पुलिस ने फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का पता लगाया। पता चला कि गिरोह हिसार से ऑपरेट हो रहा है। ठगी की रकम को एटीएम के जरिए निकाला जा रहा था। अमनदीप को एटीएम से रुपए निकालते रंगे हाथ दबोचा। बैंक खाता वेबसाइट से लिंक था, लेकिन रकम गेटवे के माध्यम से ट्रांसफर हो रही थी। उससे पूछताछ के बाद दबिश दे अन्य आरोपियों को भी दबोच लिया।



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फाइल फोटो।


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