दिवाली पर सेक्टर 55 व संजय कॉलोनी को पानी नहीं मिला। इससे लोग परेशान होते रहे। लोग निगम अफसरों को फोन करते रहे लेकिन किसी अधिकारी ने न फोन उठाया और न पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था कराई।
मजबूरी में लोगों को प्राइवेट टैंकरों से पानी मंगाकर काम चलाना पड़ा। निगम अधिकारियों का कहना है कि सेक्टर-25 में 1970 का बना बूस्टर सबसे पुराना है। उस समय बाइपास रोड पर सेक्टर-8, 9 और मुजेड़ी गांव के पास ग्रीन बेल्ट पर कुल 54 ट्यूबवेल लगाए गए थे। इन ट्यूबवेलों से ही हर रोज 45 लाख गैलन पानी जलघर तक पहुंचता था, जिससे एनआईटी स्थित झाड़सैंतली, प्रतापगढ़, सेक्टर-25, रन्हेड़ा खेड़ा, सेक्टर-55, संजय कॉलोनी, सेक्टर-23, 23ए, 22, 24, जवाहर कॉलोनी, मुजेसर, आजाद नगर, एनआईटी-1 और 2 तक पानी की सप्लाई की जाती थी। लेकिन ये ट्यूबवेल बंद हो चुके हैं। अब मोठूका रैनीवेल से पानी की सप्लाई बूस्टर तक आ रही है। इसकी क्षमता 30 लाख गैलन पानी प्रतिदिन की है। लेकिन इतने पानी से पूर्ति नहीं हो पाती।
रैनीवेल सही तरीके से काम भी नहीं करते हैं। इससे पूरा पानी बूस्टर तक नहीं पहुंच पाता। अगर रैनीवेल में हल्की सी खराबी आ जाए तो लोगों को पानी के लिए दो- दो दिन तक इंतजार करना पड़ता है। लेकिन रैनीवेल की क्षमता बढ़ाने की तरफ निगम का ध्यान नहीं है। वॉर्ड तीन के पार्षद जयवीर खटाना ने बताया कि संजय कॉलोनी में तीन दिन से पानी नहीं आ रहा।
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