सोशल मीडिया पर काॅमेडियन कुणाल कामरा की सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी का मामला गरमा गया है। इस मामले में संसद की संयुक्त समिति ने गुरुवार को सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के प्रतिनिधि से पूछताछ की। उससे पूछा कि कंपनी ने देश के चीफ जस्टिस के खिलाफ कामरा की टिप्पणी को लेकर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं? इस बारे में एक हफ्ते में जवाब दें।
समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने बताया, ‘हमने ट्विटर प्रतिनिधि से कई सवाल किए। हम जानना चाहते हैं कि ट्विटर किस हैंडल को प्रमोट करता है। कौन से हैंडल को ब्लॉक करता है। किस आधार पर तय करता है कि यह भड़काऊ कंटेंट है?' लेखी ने बताया कि ट्विटर ने इसके जवाब में कहा कि वह "अनुचित भाषा और कार्रवाई को रोकता है और उसे ब्लॉक कर देता है।' उनके जवाब पर समिति ने पूछा, ‘सीजेआई के खिलाफ कामरा का ट्वीट क्यों नहीं हटाया गया? इसके जवाब में प्रतिनिधि ने कहा, "जब तक अदालत इस तरह के आदेश जारी नहीं करती, पोस्ट नहीं हटाया जा सकता।'
एजी ने दी कामरा के खिलाफ केस दर्ज करने की सहमति
आत्महत्या मामले में पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने पर कामरा ने शीर्ष अदालत पर हमला बोला था। इसके बाद करीब आठ वकीलों के अनुरोध पर अटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने उनके खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करने की अनुमति दी है।
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