लोन मोरेटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वीरवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कहा- क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों को कंपाउंड इंटरेस्ट में रियायत का कोई फायदा नहीं मिलना चाहिए। क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले लोगों ने कोई लोन नहीं लिया है, बल्कि वे इससे खरीदारी कर रहे हैं।
केंद्र ने कोरोना के दौरान लोन मोरेटोरियम पर कंपाउंड इंटरेस्ट की भरपाई करने का वादा किया है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि उन्हें क्रेडिट कार्ड पर एक्स ग्रेशिया मिला है। इस पर कोर्ट ने क्रेडिट कार्ड पर यह टिप्पणी की।
सुनवाई के दौरान मेहता ने कोर्ट को बताया कि कंपाउंड इंटरेस्ट को वापस करना बैंकों की जिम्मेदारी है। कर्जदारों को इसके लिए बैंक के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। मेहता ने कहा, हमने यह फैसला लिया है कि जिन लोगों ने मोरेटोरियम के दौरान ईएमआई भरी है, उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए। मोरेटोरियम का फायदा लेने वाले या नहीं लेने वाले दोनों को इसका फायदा होगा। इससे पहले 2 अक्टूबर को वित्त मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से यह जानकारी दी गई थी कि सरकार 2 करोड़ रुपए तक के लोन की ईएमआई पर वसूला जाने वाला कंपाउंड इंटरेस्ट चुकाएगी।
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