दुनियाभर में कोरोना ने लोगों की नौकरियों और सैलरी को प्रभावित किया। लेकिन, अब देश में नौकरियां वापस मिलने लगी हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मई से अक्टूबर के बीच 5 लाख 26 हजार 389 लोगों को अलग-अलग सेक्टर में नौकरियां मिलीं।
अच्छी बात यह है कि यदि सालाना आधार पर देखा जाए तो भी पिछले साल की तुलना में इस वर्ष अक्टूबर महीने में 4.24% अधिक लोगों को नई नौकरियां मिली हैं। यही नहीं, इस दौरान 4.90 लाख लोगों को दोबारा नौकरी मिली है। यानी ये वे लोग हैं, जिनकी नौकरी अलग-अलग वजहों से चली गई थी।
यह पिछले साल से बेहतर
सालाना आधार पर पिछले वर्ष अक्टूबर की तुलना में यह आंकड़ा करीब 23% अधिक है। इसमें अगर ईएसआईसी वाले कर्मचारी जोड़ दिए जाएं, तो यह आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा। 3500 से ज्यादा कंपनियों के लिए एचआर सॉल्यूशन देने वाली कंपनी टीम लीस के हेड (स्टाफिंग बीएफएसआई एंड कंज्यूमर बिजनेस) अमित वडेरा कहते हैं- आने वाले 5 से 6 माह इसी ट्रेंड पर रहेंगे। यानी नौकरियां बढ़ेंगी।
उन्होंने आगे कहा- सितंबर और अक्टूबर में ही विभिन्न इंडस्ट्रीज़ में नियुक्तियां बढ़नी शुरू हो गई थीं। लॉजिस्टिक और ई-कॉमर्स भर्तियां कर रहा था। अब बैंकिंग और फाइनेंस सर्विसेज में भी भर्ती की रफ्तार बढ़ी है। कोरोना के बारे में जैसे-जैसे लोगों की जानकारी बढ़ रही है और वैक्सीन आने की संभावना बढ़ रही है, वैसे-वैसे कंपनियों ने अपने पुराने कर्मचारियों से संपर्क करना शुरू किया है।
पुराने एम्पलाईज को मौका
अमित कहते हैं- मार्केट रिकवर हो रहा है। ऐसे में अधिकांश ऑर्गनाइजेशन अपने ही पुराने एम्पलाई की भर्ती को प्राथमिकता दे रही हैं। क्योंकि ऐसे एम्पलाई को ट्रेंड करने की जरूरत नहीं पड़ती। दूसरी तरफ प्रोफेशनल्स को जोड़ने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के एक ताजा सर्वे के मुताबिक, देश के 40% प्रोफेशनल्स को उम्मीद है कि 2021 में नई नौकरियां बढेंगी।
ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विसेज फर्म एऑन के सैलरी ट्रेंड सर्वे के मुताबिक, 87% भारतीय कंपनियां वर्ष 2021 में अपने कर्मचारियों को इंक्रीमेंट देने की तैयारी में हैं। कॅरिअरनेट टेक्नोलॉजीस के एक हालिया सर्वे के मुताबिक 50% से ज्यादा कंपनियों को उम्मीद है कि जनवरी 2021 के बाद से हायरिंग की प्रक्रिया सामान्य होगी और नौकरियां बढ़ेंगी।
देश को राहत देने वाली दो रिपोर्ट
- नौकरी डॉट कॉम ने हाल ही में ‘हायरिंग एक्टिविटी इन इंडिया’ रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार 19 प्रमुख उद्योगों में से 18 उद्योगों में अप्रैल की तुलना में नवंबर में अधिक भर्तियां हुई हैं।
- प्राइवेट रिसर्च फर्म सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार कोरोना के कारण अप्रैल में बेरोजगारी दर 23.5 फीसदी पहुंच गई थी। जो अक्टूबर में घटकर 6.98 फीसदी तक हो गई थी। यह प्री-कोविड लेवल के करीब है।
कुछ राज्यों की सुखद स्थिति
1) यूपी: कोरोना के दौर में सबसे ज्यादा नौकरियां दीं
यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल बताते हैं- बैंक के डेटा के अनुसार 6 लाख 80 हजार नई एमएसएमई को लोन दिए गए हैं, जिनसे करीब 24 लाख रोजगार आए हैं। साथ ही 80 हजार से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी गई हैं। कोरोनाकाल में नौकरी देने के मामले में यूपी सरकार सबसे आगे है।
2) राजस्थान: 25 हजार से ज्यादा नियुक्तियां दी गईं
राजस्थान में कोरोना काल में मार्च से दिसंबर तक की अवधि में 25,386 पदों पर सरकार ने अपॉइंटमेंट्स किए। सबसे ज्यादा 11,322 पदों पर एलडीसी भर्ती हुई है। वहींं इस दौरान सरकार ने 6,657 पदों पर नई भर्तियां भी निकाली हैं।
3) हरियाणा: 9400 से ज्यादा पदों पर भर्ती
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन और हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से अप्रैल से लेकर दिसंबर तक 9400 से ज्यादा पदों पर पूर्व से चल रही भर्ती पूरी की गई है। इनमें ग्रुप-सी और डी कैटेगरी के 9106 पदों पर एचपीएससी और ग्रुप-बी और ए कैटेगरी के अफसरों की 300 से ज्यादा पदों पर भर्ती की है।
4) बिहार: अगले साल एक लाख से ज्यादा नियुक्तियां
कोरोनाकाल में 5 हजार नर्स, 1000 डॉक्टर नियुक्त हुए। हालांकि, ये पहले से जारी प्रक्रिया थी। 8000 सिपाहियों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। 2021 में 91,763 प्रायमरी शिक्षक, 33 हजार माध्यमिक शिक्षक सहित 1 लाख नियुक्तियां होंगी।
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