फास्ट टैग के बगैर एक जनवरी से कोई भी वाहन टोल प्लाजा पार नहीं कर पाएगा। यहां तक कि उसे लेन में भी नहीं घुसने दिया जाएगा। इसके बाद भी यदि कोई वाहन चालक आ गया तो उससे दोगुना टोल टैक्स लिया जाएगा। इसके लिए भी वाहन चालक को ऑनलाइन पेमेंट करनी होगी। यह नियम सभी टोल प्लाजा पर लागू हो रहा है।
नेशनल हाइवे अथॉरिटी आफ इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि फास्ट टैग के लिए लगातार टोल प्लाजा पर लोगों को जानकारी दी जा रही है। वाहन चालकों को जागरुक किया जा रहा है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि एक माह में अभी तक महज 8000 वाहन चालकों ने ही फास्ट टैग लगवाया है। खास बात यह है कि फास्ट टैग का नियम सभी चार पहिया वाहन कार, जीप, बस, ट्रक अथवा अन्य कमर्शियल वाहनों पर भी लागू होगा।
31 दिसंबर की रात से बंद हो जाएंगे कैस काउंटर
एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर धीरज सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के आदेश के बाद एनएचएआई के सभी टोल पर यह नियम एक जनवरी से लागू किया जा रहा है। इसके लिए टोल बूथों के पास ई-पेमेंट कंपनियों ने फास्ट टैग के लिए अपने काउंटर खोल रखे हैं। वाहन चालक टोल प्लाजा पर आकर इसे बनवा सकते हैं। क्योंकि 31 दिसंबर की आधी रात के बाद कैश काउंटर बंद कर दिए जाएंगे।
एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि बदरपुर बॉर्डर टोल पर कुल 35 लेन हैं। इनमें से 30 लेन फास्ट टैग के लिए निर्धारित है। जबकि पांच लेन अन्य वाहनों के लिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि रोज इस टोल से 40 हजार से अधिक वाहन आते-जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि टोल के पास यूजर फेयर डिस्प्ले लगाया गया है। जिसमें वेलकम टू टोल प्लाजा लिखा होने के साथ-साथ ऑडियो भी चलता रहता है। ये ऑडियो बोलता है कि नो कैस, ओनली फास्ट टैग।
बदरपुर टोल से 40 हजार से अधिक वाहन निकलते है
150 रुपए में लिया जा सकता है फास्ट टैग
पलवल के टोल मैनेजर शहनवाज खान के अनुसार टोल पर ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, पेटीएम, एयरटेल, एचडीएफसी आदि पर फास्ट टैग लेने की सुविधा उपलब्ध है। इसे खरीदने के लिए कम से कम 150 रुपए खर्च करने होंगे। वे भी वाहनों के प्रकार के हिसाब से। फास्ट टैग लगे होने से टोल पर बगैर रुके वाहन चालक आ-जा सकेंगे।
बदरपुर बॉर्डर टोल पर वर्तमान दरें
- वाहन एक बार आना-जाना मासिक
- कार,जीप, वैन 26 40 793
- हल्के वाहन 40 59 1190
- भारी वाहन 79 119 2380
पलवल के केजीपी से 30 से 35 हजार वाहन गुजरते| केजीपी एक्सप्रेस-वे पर रोज 30 से 35 हजार गाड़ियां निकलती हैं। इनमें 12 हजार भारी वाहन, आठ हजार लाइट और 10 से 12 हजार कार-जीप निकलती हैं। जबकि नेशनल हाईवे-19 पर रोज 20 से 22 हजार वाहन गुजरते हैं।
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