कोरोना महामारी के बीच साकेत स्थित नामी अस्पताल के डॉक्टरों ने 31 वर्षीय व्यक्ति की जान बचाने के लिए फेफड़े के प्रत्यारोपण के लिए सर्जरी की। इस सर्जरी के लिए 15 डॉक्टरों की टीम को 10 घंटे तक मेहनत करनी पड़ी। हरदोई निवासी इस मरीज को कोविड-19 लंग फाइब्रोसिस हो गई थी।
यह ऐसी स्थिति है जो कोविड-19 के मरीजों में फेफड़े को गंभीर नुकसान पहुंचने के कारण होती है और इसके कारण फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं। फेफड़े को जयपुर की 48 वर्षीय महिला ने दान किया था, जिन्हें हाल ही में सड़क दुर्घटना में सिर पर गंभीर चोटें लगी थीं।
जयपुर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। अस्पताल के एडल्ट सीटीवीएसए हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट और एसोसिएट डायरेक्टर डॉ राहुल चंदोला के नेतृत्व में डाक्टरों की टीम ने लंग ट्रांसप्लांट को अंजाम दिया।
जयपुर के एक निजी अस्पताल से लाया गया
मरीज को अंग उपलब्ध करवाने के लिए जयपुर के निजी अस्पताल से जयपुर के हवाई अड्डे तक और आईजीआई एयरपोर्ट से अस्पताल तक दिल्ली पुलिस और राजस्थान पुलिस के सहयोग से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रतीक्षा कर रहे एक हेल्थकेयर एम्बुलेंस ने केवल 18 मिनट में 18.3 किमी की दूरी तय करके फेफड़े को बहुत कम समय के भीतर अस्पताल पहुंचा दिया।
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