यौन हिंसा से जुड़े मामलों में सख्ती के लिए महिला जजों की संख्या को बढ़ाना चाहिए: वेणुगोपाल

अटाॅर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने न्यायपालिका के सभी स्तरों पर महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है जिससे कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों व उनसे जुड़े मामलों में सख्ती बरती जा सके।

अदालतों को यौन शोषण के मामलों में आरोप की गंभीरता काे समझना चाहिए और शादी, राखी बंधवाने इत्यादि जैसे विवादित फैसले नहीं देने चाहिए।

जमानत की अपील में पीड़िता की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए। मध्यप्रदेश में यौन शोषण के आरोपी को पीड़िता से राखी बंधवाने की शर्त पर जमानत देने के मामले में उन्हाेंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुझाव दिए हैं।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में महिला जजों की संख्या ज्यादा

वेणुगोपाल ने महिला जजों की भागीदारी का अध्ययन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट सहित 26 हाईकोर्ट का डेटा देखा। देश में केवल पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ही ऐसी अदालत है, जहां अन्य महिला जजों की संख्या सबसे अधिक है।

यहां पर स्वीकृत 85 पदों में से 11 पद पर महिला जज कार्यरत हैं। उसके बाद दूसरा नंबर मद्रास हाईकोर्ट का आता है। जहां पर 75 में से 9 पदों पर महिला जज हैं। दिल्ली व बाम्बे हाईकोर्ट दोनों में ही आठ महिला जज कार्यरत हैं।



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The number of women judges should be increased to strengthen the cases related to sexual violence: Venugopal


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