भास्कर न्यूज|नई दिल्ली
पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सदन बैठक में किसानों के लिए शोक प्रस्ताव पर खूब हंगामा हुआ। इस दौरान सतापक्ष और विपक्ष के बीच हुए जमकर हंगामे में सदन की मर्यादा तार-तार हो गई। सदन में पार्षदों ने खुलकर एक दूसरे पर असंवैधानिक भाषा का प्रयोग किया। बैठक में चप्पल जूते भी चले। हंगामे में महापौर निर्मल जैन असहाय नजर आए। कोई भी पक्ष उनकी सुनने को तैयार नहीं था।
नाराज महापौर ने नेता विपक्ष मनोज त्यागी व पार्षद मोहनी जीनवाल को सदन की बैठकों में भाग लेने 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया है। स्थाई समिति की सदस्य गीता रावत को नोटिस दिया गया है। वहीं हंगामे में कई प्रस्ताव पास कर सदन की कार्रवाई अगले सदन के लिए स्थगित कर दी है। इस दौरान पक्ष विपक्ष के पार्षदों ने एक-दूसरे पर घोटाले के आरोप को लेकर नारेबाजी की।पूर्वी निगम में सदन में हंगामे की शुरुआत उस समय हुई
जब आम आदमी पार्टी (आप) के नेता विपक्ष मनोज त्यागी ने सिंघू बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के लिए शोक प्रस्ताव रखने का आग्रह किया।
इस पर महापौर निर्मल जैन ने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि आप राजनीति कर रहे हैं। यह सदन का विषय नहीं है इसको लेकर आप के पार्षद भड़क उठे। उन्होंने कहा कि इसमें गलत क्या है। त्यागी ने कहा कि बॉर्डर पर मरने वाले हमारे अन्नदाता है, उनकी मौत पर शोक प्रस्ताव क्यों नहीं रखा जा सकता। इस दौरान पक्ष विपक्ष के पार्षद महापौर के आसन के आगे आकर एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
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