थल सेना की स्पेशल फोर्स 10 पैरा के कमांडो कैप्टन अंकित गुप्ता की शनिवार को तीसरे दिन भी पता नहीं लग पाया। तखतसागर में 46 फीट की गहराई में नेवी के मार्कोस यानी मरीन कमांडो अब तक के सबसे बड़े सर्च ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। 55 घंटे से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन कैप्टन का पता नहीं चल पाया है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, अभियान में नए एक्सपर्ट को जोड़ा जा रहा है।
बावजूद इसके अब तक सफलता नहीं मिल सकी है। सेना के अलावा गरुड़ कमांडो, एनडीआरएफ सहित मालवीय बंधु भी खोज में जुटे हैं। तलाश में जुटे विशेषज्ञों का मानना था कि तीसरे दिन जीरो ग्रेविटी से बॉडी पानी के ऊपर आ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बॉडी के अंदर फंसे होने की आशंका ज्यादा जताई जा रही है।
इस ऑपरेशन के लिए दिल्ली व मुंबई से मार्केस कमांडो को शुक्रवार देर रात जोधपुर बुलाया गया था। सुबह सात बजे बाद जैसे ही दिन उगने लगा वैसे ही ये कमांडो सर्च करने में जुट गए। तखतसागर में गुरुवार को हेलो कास्टिंग ट्रेनिंग ड्रिल के दौरान पानी में जंप करने के बाद से कैप्टन अंकित लापता हो गए थे। तीसरे दिन उनकी खोज के लिए 12 से ज्यादा नावें लगी हुई थीं, साथ ही पानी में स्कूबा ड्राइविंग के अलावा एंकर व हुक रस्से पानी में डालकर तलाश की जा रही है।
हमेशा मुस्कुराते रहने वाले कैप्टन अंकित जिंदगी को ऐसे ही हंसते हुए जीने का सपना देखते थे। रिश्ते में उनके भाई दीपक अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 10 दिसंबर को आखिरी बार अंकित से बात हुई थी। तब उन्होंने अगले 25 साल की योजनाओं मुझे बताया था, लेकिन कौन जानता था कि सारी बातें अधूरी रह जाएंगी।
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