कोरोना संक्रमण का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। ऐसे में स्टूडेंट्स के साथ-साथ पेरेंट्स भी सहमे हुए हैं। छह महीने बाद सोमवार को स्टूडेंट्स को परामर्श आदि के लिए खुले स्कूलों में जिला में कुल 1119 स्टूडेंट्स अपने टीचर्स से मिलने पहुंचे। सबसे कम स्टूडेंट्स 9वीं कक्षा में पहुंचे जबकि सबसे अधिक उपस्थिति 10वीं के स्टूडेंट्स की रही। वहीं जिला के ओवर ऑल स्टूडेंट्स की बात करें तो मात्र तीन फीसदी स्टूडेंट्स ही स्कूलों में पहुंचे।
सेक्टर-4 -7 स्थित गवर्नमेंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल सुमन ने बताया कि पहले दिन नाममात्र ही स्टूडेंट्स पहुंचे, लेकिन स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर सैनिटाइजेशन आदि की बेहतर तरीके से व्यवस्था की गई थी। देशभर के स्कूल 22 मार्च से ही बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में ठीक छह महीने बाद एक बार फिर स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोले गए हैं। जहां अभी तक प्राइवेट स्कूल नहीं खुले हैं, वहीं गवर्नमेंट स्कूलों में भी पेरेंट्स की अनुमति के बाद ही स्कूलों में स्टूडेंट्स को एन्ट्री दी गई है।
ऐसे में धीरे-धीरे स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ेगी। पहले दिन मात्र तीन फीसदी स्टूडेंट्स ही स्कूल पहुंचे। ऐसे में नई कक्षाओं में प्रमोट किए जाने के बाद पहली बार स्टूडेंट्स टीचर्स से रूबरू हुए हैं, जिससे स्टूडेंट्स के मन कई तरह के सवाल थे। लेकिन कोरोना से बचाव और इसके प्रति बने हुए डर से स्टूडेंट्स बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। अभिभावकों में भी अपने बच्चों की चिंता स्वाभाविक है।
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-4-7 की प्रिंसिपल सुमन ने बताया कि पहले दिन प्रत्येक स्कूल में दस से 20 छात्र ही बुलाए गए। छात्रों ने विभिन्न विषयों में आई समस्याओं पर शिक्षकों का परामर्श लिया। जिले में सभी स्कूलों में सामाजिक दूरी के नियमानुसार छात्रों को पढ़ाया गया।
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