उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल फरवरी में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के मामले के एक आरोपी को अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा है कि सीसीटीवी कैमरे में आरोपी को दंगा भड़काते और गोली चलाते साफ देखा गया है। ऐसे गंभीर अपराध के आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।
कड़कड़डूमा स्थित एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत की अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि वह गैरकानूनी तरीके से एकत्रित भीड़ का हिस्सा था। इतना ही नहीं उसने लोगों को हिंसा करने के लिए भड़काया। यह सब सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ।
इसके बाद इस आरोपी ने घातक हथियार से गोली भी चलाई। इस आरोपी द्वारा चलाई गई गोली से कई राह चलते लोग व पुलिसकर्मी जख्मी हुए। आरोपी की तरफ से पेश वकील अशोक कुमार ने अदालत में कहा कि आरोपी का पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है। वह घर का अकेला कमाने वाला सदस्य है। उसके घर के आर्थिक हालात अच्छे नहीं है।
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