कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन सातवें दिन भी जारी रहा। उनके धरना प्रदर्शन की वजह से पुलिस कई बार्डर व एंट्री प्वाइंट को सील कर चुकी है, जिससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एक दिन पहले तक बहादुरगढ़ व रोहतक की ओर से केवल झाड़ौदा बार्डर से आवाजाही हो रही थी, किंतु अब इस बार्डर को भी ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा औचंदी बार्डर, डीएनडी और कालिंदी कुंज बार्डर को भी बंद कर दिया गया था।
हालांकि, बुधवार शाम को कालिंदी कुंज बॉर्डर और ढांसा बॉर्डर ट्रैफिक मूवमेंट के लिए खोल दिया गए। यहां झाड़ौदा बार्डर पर डबल बैरिकेडिंग कर रास्ते को बंद किया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रख इधर बीएसएफ के जवानों को तैनात किया गया है।
रोहतक बहादुरगढ़ मेन रोड के साथ यह बार्डर लगा हुआ है, जहां से लोग दिल्ली पहुंच रहे थे। पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी आंदोलनकारी किसान टिकरी और सिंघू बार्डर के बाद झाड़ौदा बार्डर पर डेरा डालने की तैयारी में है।
किसानों ने डीएनडी के रास्ते दिल्ली आने की कोशिश
वहीं दूसरी तरफ नोएडा से कालिंदीकुंज होकर बदरपुर पहुंचने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया गया था। सुबह से ही पुलिस ने यहां भारी बैरिकेडिंग कर रखी थी। उधर नोएडा से डीएनडी के रास्ते दिल्ली आने की कोशिश करने वाले लगभग साठ किसानों को नोएडा पुलिस ने हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया।
पुलिस के मुताबिक झाड़ौदा बार्डर और झटीकरा बार्डर को बंद किया गया है। केवल दुपहिया वाहनों के लिए बाडूसराय बार्डर ट्रैफिक के लिए खुला हुआ है। किसानों को समर्थन देने के लिए पूर्व सांसद और कांग्रेसी नेता उदित राज भी पहुंचे, वहीं दूसरी तरफ राज्य सभा सदस्य सुशील गुप्ता को टिकरी बार्डर पर बैरिकेड पार करने से पुलिस ने रोक लिया।
अब हरियाणा के किसान बदरपुर बार्डर पर डेरा डालने की प्लानिंग कर रहे हैं। किसानों की रणनीति है कि अगर उन्हें जंतर मंतर या रामलीला ग्राउंड नहीं पहुंचने दिया जाता तो फिर दिल्ली आने वाले सभी रास्ते वाले बार्डर पर धरना देकर सरकार पर दबाव बनाया जाए। बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में बैठे ज्यादातर किसान टिकरी और सिंघू बार्डर जा चुके हैं। इधर बीते कुछ दिन से नेता लोग अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए थे।
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