नगर निगम के इंजीनियरिंग ब्रांच में विकास कार्यों से संबंधित भुगतान में करोड़ों रुपए के घोटाले की पुष्टि

नगर निगम के इंजीनियरिंग ब्रांच में विकास कार्यों से सम्बंधित भुगतान में बड़ा घोटाला सामने आया है। घोटाले की जांच कर रहे है ज्वाइंट कमिश्नर प्रदीप अहलावत ने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट में नगर निगम के कई अधिकारियों के साथ संबंधित ठेकेदारों को दोषी करार दिया है।

उन्होंने कार्यकारी अभियंता गोपाल कलावत व पंकज सैनी, एसडीओ विक्की कुमार और जेई विनोद के साथ संबंधित ठेकेदार दिलावर सिंह, राजकुमार और पवन बल्हारा को दोषी ठहराया है। उन्होंने इस घोटाले में सभी की मिलीभगत करार दिया है।

जांच अधिकारी ने सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा है। एक और जहां निगम में राजस्व की कमी हो रही है वही, निगम में लगातार घोटाले उजागर हो रहे हैं।

पिछले महीने नगर निगम के इंजीनियरिंग ब्रांच में विकास कार्यों को लेकर घोटाले की शिकायत मिली थी, जिस पर निगम कमिश्नर विनय प्रताप सिंह ने जांच के आदेश जारी किए थे।

उन्होंने जांच के लिए ज्वाइंट कमिश्नर प्रदीप अहलावत को जिम्मेवारी सौंपी थी। प्रदीप ने सभी पहलुओं की जांच करते हुए अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट निगम कमिश्नर को सौंप दी है। उन्होंने इस संबंध में सभी संबंधित विभागों से के दस्तावेज खंगालते हुए व घोटाले में शामिल अधिकारियों से बातचीत करने के बाद अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है।

जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासा

जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि जेई से लेकर एक्शईएन तक के अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करके ठेकेदार को करोड़ों रुपए का गलत भुगतान करवाने ने भागीदारी निभाई है।

अधिकारियों ने ठेकेदार को पेमेंट के लिए वार्ड से सम्बंधित पार्षदों के फर्जी संतुष्टि पत्र प्रस्तुत किए। सभी ने मेजरमेंट बुक्स में फर्जी एंट्री की। इसके साथ ही बोग्स बिल प्रस्तुत करके डेवलपमेंट वर्क से संबंधित भुगतान करने का काम किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अधिकारियों के इन हरकतों से घोटाले की पुष्टि होती है।

4 करोड़ से अधिक का घोटाला| निगम के उक्त अधिकारियों और संबंधित ठेकेदारों की मिलीभगत से नगर निगम को 4 करोड़ रुपए से अधिक का फर्जी बिलों का भुगतान किए जाने का अनुमान है।

सख्त कार्यवाही की सिफारिश| अपनी विस्तृत रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों के खिलाफ हरियाणा सिविल सर्विस रूल 2018 के तहत तत्काल सख्त करवाई की सिफारिश की है।

इसके साथ ही संबंधित ठेकेदारों का पंजीकरण रद्द करते हुए ब्लैक लिस्ट करने के लिए कहा है। इस पर कार्रवाई करते हुए निगम कमिश्नर ने डिवीजन 1 और 4 में विकास से संबंधित सभी कार्यों की जिम्मेवारी सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को सौंप दी है।



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Confirmation of scam of crores of rupees in payments related to development works in Municipal Engineering Branch


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