जनवरी की शुरुआत तक वैक्सीन को मंजूरी मिलने की उम्मीद: एम्स डायरेक्टर

कोरोना महामारी से निपटने के लिए ब्रिटेन में वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी के बाद अब भारत में उम्मीद भरी खबर है। दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, "देश में कई वैक्सीन पर काम चल रहा है। दो के ट्रायल आखिरी चरण में हैं। इनमें से किसी को देश के नियामक से दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत तक आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। उसके बाद टीकाकरण शुरू हो सकेगा।'
डॉ. गुलेरिया ने गुरुवार को कहा कि उपलब्ध डेटा के आधार पर वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है। लगभग 70 से 80 हजार वॉलंटियर को वैक्सीन की खुराक दी गई है।

कोई दुष्प्रभाव नहीं है। उपलब्धता के बारे में एम्स डायरेक्टर ने बताया, ‘टीका देश में हर कोने में पहुंचेगा। साल की शुरुआत में दो-तीन वैक्सीन उपलब्ध होगी। हालांकि 100 फीसदी लोगों को टीका लगाने की जरूरत नहीं है। केवल 50 से 60 फीसदी आबादी को टीका लग जाने से वायरस नहीं फैलेगा।’ एक वॉलंटियर पर कथित गंभीर दुष्प्रभाव के बारे में गुलेरिया ने कहा कि टीके की खुराक से इसका संबंध नहीं है।

दावा: लगभग 70 से 80 हजार वॉलंटियर को वैक्सीन लगाई, कोई दुष्प्रभाव नहीं

लंदन| अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर ने कहा है कि वह भारत में मौके तलाश रही है। एक अंग्रेजी अखबार से कंपनी के प्रवक्ता रोमा नैयर ने कहा, ‘हम भारत सरकार से बातचीत आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उम्मीद है कि हम भारत से समझौता करने में सफल रहेंगे।’ हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि टीके को माइनस 70 डिग्री में रखना होगा, जो भारत जैसे देशों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

नियामक से डेटा साझा करेगी फाइजर की भारतीय इकाई
फाइजर की भारतीय इकाई ब्रिटेन के नियामक को दिए गए डेटा को भारतीय नियामक से भी साझा करेगी। इधर, वैक्सीन प्रशासन पर बने राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष वीके पॉल कहा, ‘फाइजर और मॉडर्ना ने विदेश में तीसरे चरण के ट्रायल में अच्छे परिणाम दिए हैं। हालांकि अभी भारत में इसकी टेस्टिंग नहीं हो रही है।

गर्भवती महिलाओं को सलाह फाइजर वैक्सीन न लगवाएं
फाइजर के टीके को ब्रिटेन में मंजूरी के साथ ही सरकार ने एक गाइडलाइन भी जारी की है। इसके मुताबिक गर्भवती या तीन महीने में गर्भधारण करने की योजना बना रही महिलाओं को यह टीका न लगवाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह टीका कितना सुरक्षित है, इस बारे में अभी कोई परीक्षण नहीं हुआ है।



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डॉ. गुलेरिया


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