कारोबारियों को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) पर और दो साल कम्पनसेशन सेस का भुगतान करना पड़ सकता है। जीएसटी काउंसिल पांच अक्टूबर को होने वाली 42वीं बैठक में यह फैसला कर सकती है। इससे राज्यों की जीएसटी वसूली में रह गई कमी का पूरा भुगतान करने में केंद्र को मदद मिलेगी। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सूत्राें ने बताया कि 21 राज्यों ने कम्पनसेशन सेस पर केंद्र की ओर से प्रस्तावित विकल्प-1 को चुनने की मंशा जताई है।
इसके बाद अब अगला कदम यह होगा कि कम्पनसेशन सेस लगाने के लिए पांच साल की जीएसटी ट्रांजिशान अवधि को और दो साल आगे बढ़ाया जाए। इसकी पांच साल की ट्रांजिशन अवधि जून 2022 में खत्म होनी है। सूत्रों ने कहा, अगली बैठक में जीएसटी काउंसिल केंद्र की ओर से सुझाए कम्पनसेशन फॉर्मूले को स्वीकार कर सकती है।
साथ ही यह भी तय कर सकती है कि राज्यों के पूरे बकाए के भुगतान के लिए और कितने समय तक कम्पनसेशन सेस लगाना पड़ेगा। देश जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई 2017 से लागू हुई थी। मौजूदा जीएसटी कानून के तहत राज्यों की जीएसटी वसूली में होने वाली कमी की भरपाई केंद्र को जुलाई 2017 से पांच साल तक जून 2022 तक करनी है।
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