सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, यात्रियों को सीधे भुगतान किस तरह से किया जा सकता है?

लॉकडाउन के दौरान रद्द किए गए एयर टिकटों के रिफंड के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्‌डी और एमआर शाह की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह कोर्ट को यह जानकारी दे कि अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार यात्रियों को सीधे भुगतान किस तरह से किया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।

प्रवासी लीगल सेल की ओर से वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि डीजीसीए ने अपने हलफनामे में उन लोगों को तो कवर किया है, जिन लोगों ने एअर इंडिया, इंडिगो इत्यादि एयरलाइंस कंपनियों से दूसरे देशों में जाने के लिए टिकट बुक कराए थे। मगर एक पहलू को अछूता रखा है। डीजीसीए को उन लोगों को भी कवर करना चाहिए जिन्होंने अन्य देशों से वापस भारत लौटने के लिए इन्हीं एयरलाइंस कंपनियों से अपना टिकट बुक कराया था।

केंद्र सरकार की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस संदर्भ में भी समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है। जस्टिस शाह ने पूछा कि मान लीजिये किसी ने लॉकडाउन से पहले लॉकडाउन के दौरान की अवधि के लिए टिकट बुक कराया था तो उसके रिफंड का क्या? सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि ऐसे यात्री को तुरंत रिफंड नहीं मिलेगा। जिन्हें तत्काल पैसा नहीं मिलेगा। उन्हें रिफंड पर 0.5 प्रतिशत ब्याज भी दिया जाएगा।



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The Supreme Court asked the Center, how can the passengers be paid directly?


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